
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग ने एक दिवसीय फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन कराया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर मशहूर थिएटर कलाकार, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक विजय भटोटिया ने शिरकत की, जबकि कमला नेहरू महाविद्यालय, दिल्ली में सहायक प्रवक्ता डॉ. रविंदर सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता के छात्रों को फिल्म मेकिंग से जुड़ी कार्यशैली, सिद्धांतों और बारीकियों से अवगत कराना था।

महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने बताया कि आज भी फिल्मों की पटकथाओं में लैंगिक विभेदीकरण दिखाई देता है और वर्तमान निर्माताओं को महिला सशक्तिकरण और महिला केंद्रित विषयों पर फिल्म निर्माण करने पर जोर देना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. रविंदर सिंह ने छात्रों को पटकथा लेखन से जुड़ी मूलभूत बातें और सिद्धांतों को अलग-अलग दौर की फिल्मों के उदाहरणों के साथ समझाया। उन्होंने थीम, टोन, सीन सेटिंग, करैक्टर बिल्डिंग, डायलॉग लेखन और पटकथा के ग्राफ को बड़ी ही बारीकी से समझाया। इसके पश्चात, उन्होंने छात्रों को पटकथा लेखन की एक छोटी सी गतिविधि में भी भाग लेने के लिए प्रेरित किया। डॉ. सिंह ने अप्रैल माह में रोहतक में आयोजित होने वाले हरियाणा फिल्म समारोह के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी और इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि विजय भटोटिया ने छात्रों को फिल्म निर्माण के तीन चरणों -प्री प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन के साथ-साथ इसकी सावधानियों के बारे में भी बताया। उन्होंने अपने थिएटर, पटकथा लेखन और फिल्म निर्माण से जुड़े अनुभव साझा किए और अपनी शॉर्ट फिल्म ‘चंदा इज एवरी वेयर’ भी दिखाई। इसके पश्चात, छात्रों ने उनसे फिल्म निर्माण और थिएटर से जुड़े प्रश्न पूछे जिनका उन्होंने बड़ी ही सलीके से जवाब दिया। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रो ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। छात्र निखिल ने कहा कि कार्यशाला ने उन्हें फिल्म निर्माण के हर चरण में नए दृष्टिकोण दिए। छात्रा पूजा शर्मा जो पटकथा लेखन में रुचि रखती हैं ने कहा कि विजय सर एवं डॉ. सिंह के निर्देशन में उन्होंने अपनी लेखन शैली में सुधार किया है।

पत्रकारिता विभागाध्यक्षा रचना कसाना इस कार्यशाला की संयोजिका थीं। एफएसएफ ओवरऑल कोऑर्डिनेटर डॉ. रूचि मल्होत्रा ने दोनों वक्ताओं का स्वागत किया और सहायक प्रोफेसर कृतिका ने कुशल मंच संचालन किया। सहायक प्रोफेसर राधिका और वीरेंद्र सिंह ने तकनीकी सहायता मुहैया कराई। सहायक प्रोफेसर राधिका एवं सहायक प्रोफेसर कृतिका इस कार्यशाला की आयोजन सचिव रहीं। कार्यशाला में लगभग पचास छात्रों ने भाग लिया।