पलवल, 10 जनवरी। पलवल में 15 जनवरी तक आयोजित किए जा रहे संस्कृत भारती हरियाणा के आवासीय भाषा प्रबोधन वर्ग के चौथे दिन उद्घाटन सत्र में एसडीएम पलवल ज्योति मुख्यातिथि के रूप में पहुंची तथा विशिष्टातिथि के रूप में माधव प्रसाद पाण्डेय सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी उपस्थित रहे ।
मुख्य अतिथि एसडीएम ज्योति ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत भारती विश्व की प्राचीनतम और अब तक की श्रेष्ठतम भाषा संस्कृत के संवर्धन का काम कर रही है। उन्होंने इस आवासीय भाषा प्रबोधन वर्ग में आए हुए सभी वर्गार्थियों और संस्कृत भारती के सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मैंने संस्कृत का संस्कृत भाषा के माध्यम से ऐसा कार्यक्रम पहली बार देखा है।
विशिष्टातिथि के रूप में माधव प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि संस्कृत भाषा हमें संस्कारों से जोड़ती है और चरित्रवान बनाती है। चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण होता है । इसलिए हमें संस्कृत भाषा अवश्य पढऩी चाहिए। प्रांत मंत्री प्रमोद शास्त्री ने संस्कृत भारती संगठन का परिचय करवाते हुए बताया कि संस्कृत भारती देश और विदेश में पिछले 45 वर्षों से काम कर रही है। संस्कृत भारती हरियाणा वर्ष 2000 से अब तक प्रांत में 10000 लोगों को संस्कृत संभाषण में प्रशिक्षित कर चुकी है। संस्कृत भारती संगठन प्रांत में आवासीय प्रबोधनवर्ग, प्रशिक्षण वर्ग, संभाषण शिबिर, पत्राचार द्वारा संस्कृतम्, गीता शिक्षण केंद्र श्लोक एवं स्तोत्र पठन केन्द्र आदि अनेक कार्यक्रम निरंतर चला रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। दीप मंत्रों का उच्चारण मोहित ने किया। उसके बाद में सरस्वती वंदना प्रियंका ने की। तत्पश्चात् ध्येय मंत्र सत्यम् ने किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों को परिचय पलवल जनपद अध्यक्ष कुबेरदत्त गौतम ने करवाया। इसके उपरांत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एसडीएम ज्योति का स्वागत, सत्कार एवं सम्मान वर्गार्थी मनीषा ने श्रीफल, पटका एवं संस्कृत भारती की पुस्तकें प्रदान कर किया। विशिष्टातिथि के रूप में माधवप्रसाद पाण्डेय का स्वागत वर्गार्थी पलवल जनपद अध्यक्ष कुबेर दत्त गौतम ने श्रीफल, पटका एवं संस्कृत भारती की पुस्तकें प्रदान कर किया।
उद्घाटन सत्र का संचालन आशा ने किया। कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन पलवल जिला मंत्री राकेश शास्त्री ने किया। इस कार्यक्रम में वर्गाधिकारी आचार्य तेजसिंहशास्त्री, शक्तिपाल मंगला, डॉ. नवीन शर्मा, सतेन्द्र कुमार, सतपाल सिंह देशवाल, कैप्टन गुरु दयाल शर्मा, विजय शास्त्री, कुरुक्षेत्र विभाग संघटन मंत्री पवन, मोहित, कपिल, मंजू, निशा आदि गणमान्य उपस्थित रहे।