गोहाना (सोनीपत), 19 नवंबर। एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय ने बताया कि वर्ष 2025 में जिला प्रशासन की लगातार मॉनिटरिंग और जागरूकता प्रयासों का असर दिखने लगा है, जिसके चलते पराली जलाने की शिकायतों में पिछली बार की तुलना में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने के मामले पाए गए हैं, उनके विरुद्ध तुरंत एफआईआर कर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।
एसडीएम ने किसानों से अपील की कि वे कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे पराली प्रबंधन उपायों का उपयोग करें, ताकि कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता और आवश्यक पोषक तत्व प्रभावित होते हैं तथा धुआं वातावरण और स्वास्थ्य दोनों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। पराली को लघु उद्योगों तथा अन्य प्रयोगों में उपयोग कर किसान आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि कृषि विभाग की टीमें लगातार गांव-गांव जाकर निगरानी और जागरूकता अभियान चला रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे भी यदि कोई किसान पराली या उसके अवशेष जलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।