पलवल, 12 नवंबर। वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचने के बाद प्रशासन ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का तीसरा चरण तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सिफारिशों और आईएमडी-आईआईटीएम के पूर्वानुमान को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह निर्णय लिया गया है।
इस चरण के तहत धूल व प्रदूषण फैलाने वाली सभी निर्माण गतिविधियों जैसे खुदाई, विध्वंस, बैचिंग प्लांट, सड़क मरम्मत, पेंटिंग व वेल्डिंग आदि पर पूर्ण रोक रहेगी। साथ ही, स्टोन क्रशर और ईंट भट्ठों का संचालन भी तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों (चार पहिया) के चलने पर भी रोक लगाई गई है।
प्रशासन ने सड़कों की मशीनीकृत सफाई, पानी का छिड़काव और धूल के निपटान की व्यवस्था को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, जनता से अपील की गई है कि वे छोटी दूरी के लिए पैदल या साइकिल का उपयोग करें, सार्वजनिक परिवहन या कार पूलिंग को प्राथमिकता दें और कोयला-लकड़ी जलाने से बचें।
केवल राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं जैसे मेट्रो, रेलवे, हवाई अड्डा, अस्पताल, राजमार्ग, जल एवं सीवेज परियोजनाएं इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगी।
सभी एजेंसियों को आदेशों की सख्त अनुपालना के निर्देश दिए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए नागरिक caqm.nic.in पर विवरण देख सकते हैं।

