
पलवल, 13 जनवरी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह के दिशा-निर्देशन में सोमवार को जिला के गांव आमरू में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से चलाई गई जागरूकता मोबाइल वैन के माध्यम से कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन पैनल अधिवक्ता हंसराज शांडिल्य व पैरा लीगल वालंटियर अनिल कुमार द्वारा किया गया।
इस शिविर में पैनल अधिवक्ता ने लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम-1987 के अंतर्गत विधिक सेवा प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों को निचली अदालतों से लेकर उच्चतम न्यायालय, कानूनी कार्यवाहियों में मुफ्त एडवोकेट उपलब्ध कराने, कानूनी सहायता करने व जल्द न्याय प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति किसी भी समय राष्ट्रीय विधिक सेवा हेल्पलाइन नंबर-15100 पर फोन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है तथा कोई भी कानूनी मदद ले सकता हैं। इसके अलावा उन्होंने उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि बाल विवाह करवाना अधिनियम-2006 के अनुसार दंडनीय अपराध है, जिसमें दोनों पक्षों के लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। अगर किसी बच्चे का विवाह शादी योग्य उम्र से पहले हो गया है, तो वह लडक़ा 21 साल व लडक़ी 18 साल की आयु पूरी होने के दो वर्षों के अन्दर सक्षम न्यायालय में वाद दायर कर विवाह को खारिज करवा सकते हैं। इसके अलावा हरियाणा पीडि़त मुआवजा योजना-2020, भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार व मूल कर्तव्यों के तथा किसी केस में संदिग्ध लोगों या व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पूर्व अधिकारों बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से विवादित मामलों को निपटाने के लिए लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां समझौता होने पर न्यायालय द्वारा एक वैधानिक निर्णय दिया जाता है।