फरीदाबाद, 26 सितंबर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान फरीदाबाद जिला में आदर्श चुनाव आचार संहिता की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित की जा रही है। राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए जिला प्रशासन पूरी गंभीरता से नियमानुसार कार्रवाई कर रहा है। जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने पूरे जिला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 में निहित शक्तियों को प्रयोग करते हुए प्रिंटिंग प्रैस मालिकों व संचालकों के लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने आदेश में स्पष्ट किया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान प्रिंटिंग प्रेस संचालक भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार ही आचार संहिता की पालना करते हुए चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री का प्रकाशन करें।
जिलाधीश द्वारा जारी किए गए आदेशों की अनुपालना करते हुए गुरूवार को अतिरिक्त उपायुक्त एवं आरओ एनआईटी डॉ.आनंद शर्मा और एसडीएम बड़खल एवं आरओ अमित मान ने एनआईटी विधानसभा और बड़खल विधान सभा क्षेत्र में स्थित प्रिंटिंग प्रेस का औचक निरीक्षण करते हुए निर्धारित नियमों की अनुपालना की जांच की। निरीक्षण के दौरान इस बात की जांच की गई की आचार संहिता के दौरान बगैर अनुमति के कोई प्रिंटिंग प्रेस राजनीतिक दलों अथवा व्यक्तियों की प्रचार सामग्री तो प्रकाशित नहीं कर रहा है।
जिलाधीश ने भी स्पष्ट किया है कि विधानसभा आम चुनाव के दौरान बैनर, होर्डिंग, पंफलेट, हैंडबिल व पोस्टर आदि पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम छापना अनिवार्य है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए की पालना करते हुए प्रिटिंग प्रेस मालिक व संचालक चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छापें। प्रिटिंग प्रेस मालिक व संचालक विधानसभा चुनाव से संबंधित पंफलेट व पोस्टर आदि को छापने से पहले सामग्री छपवाने वाले व्यक्ति का हलफनामा और साथ में दो गवाहों के हस्ताक्षर करवा लें। ऐसे पोस्टर व पंपलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी। उनको यह बताना होगा कि अमुक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर, बैनर अथवा पंफलेट छपवाएं हैं और उनके खर्च का विवरण देना होगा। प्रेस संचालक इस बात की जांच कर लें कि प्रचार सामग्री की भाषा और विषय वस्तु में कोई आपत्तिजनक शब्द न हो। किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक पार्टी, धर्म, जाति आदि के प्रति अपमानजनक भाषा नहीं होनी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान एडीसी डा.आंनद शर्मा ने संबंधित प्रेस संचालकों को निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति चुनाव संबंधी कोई भी पंपलेट व पोस्टर न तो छापेगा और न ही छपवाएगा जब तक प्रकाशक की पहचान के रूप में एक घोषणा पत्र, उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित, जिसे वह व्यक्तिगत रूप से जानता है, दो प्रतियों में नहीं दी जाती। जब तक, दस्तावेज की छपाई के बाद उचित समय के भीतर, घोषणा की एक प्रति, दस्तावेज़ की एक प्रति के साथ नहीं दी जाती। कोई भी व्यक्ति पोस्टर, बैनर आदि तैयार करने के लिए प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि किसी दस्तावेज़ की प्रतिलिपि बनाने की किसी भी प्रक्रिया को, हाथ से कॉपी करने के अलावा, मुद्रण माना जाएगा और अभिव्यक्ति प्रिंटर को तदनुसार समझा जाएगा। चुनाव पैंफलेट या पोस्टर का अर्थ है किसी उम्मीदवार या उम्मीदवारों के समूह के चुनाव को बढ़ावा देने या पूर्वाग्रह ग्रस्त करने के उद्देश्य से वितरित कोई भी मुद्रित पैंफलेट, हैंड बिल या अन्य दस्तावेज या केवल तारीख, समय, स्थान और अन्य विवरणों की घोषणा करने वाला कोई प्लेकार्ड या पोस्टर।
पंफलेट व पोस्टर खर्च का रखें पूरा अपडेट रिकॉर्ड : डीसी
जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है। इसलिए यह जरूरी है कि उनके पंफलेट, बैनर व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब-किताब रहे। प्रेस संचालक एनेक्सचर फार्म वन और बी भरकर यह स्पष्ट करेंगे कि प्रचार की सामग्री किस प्रेस से छपवाई गई है और इसको छपवाने वाला कौन है। साथ ही कितनी प्रतियां प्रकाशित की गई हैं, इसका विवरण भी देना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार की सामग्री विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिकृत किए गए स्थानों पर ही लगाई जाएगी।