सोनीपत, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की टीम ने गांव ककरोई, रत्तनगढ़ और भटना जफराबाद की चौपालों में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर ग्रामीणों को कानूनी अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया। यह शिविर हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगजीत सिंह और डीएलएसए सचिव प्रचेता सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किए गए।
शिविर के दौरान अधिवक्ताओं ने बताया कि जिन लोगों की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, वे डीएलएसए के पैनल अधिवक्ताओं से नि:शुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को यह भी अवगत कराया कि जिला न्यायालय परिसर में स्थित डीएलएसए कार्यालय में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निशुल्क कानूनी सलाह दी जाती है।
कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों के बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि इससे न केवल वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ती हैं बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी घटती है। विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि पराली जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत दंडनीय अपराध है, जिसके लिए पाँच हजार से तीस हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
विशेषज्ञों ने किसानों को पूसा डीकंपोजर, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद तथा पशु आहार जैसे पर्यावरण-हितैषी विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों ने पराली न जलाने की शपथ ली और पर्यावरण की रक्षा व कानूनी जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
डीएलएसए की ओर से अधिवक्ता सोनिया, विकास सैनी और अनुराधा पुनिया ने सहभागिता की, जबकि कृषि विभाग से आकाश, नीतू, विपिन, तिलक, डॉ. अजय देशवाल और नीतिन उपस्थित रहे। शिविर में बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और युवा शामिल हुए।
निःशुल्क विधिक सहायता हेतु डीएलएसए हेल्पलाइन 0130-2220057 या नालसा के टोल-फ्री नंबर 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।

