
पलवल: राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस के मौके पर उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जिलेवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 22 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए गौरव और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता के बावजूद, तिरंगे के नीचे खड़े होकर हम सभी एकजुट भारतीय बन जाते हैं।
डॉ. वशिष्ठ ने याद दिलाया कि इसी दिन वर्ष 1947 में तिरंगे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। यह ध्वज न केवल हमारी एकता और संप्रभुता का प्रतीक है, बल्कि हमें मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना से भी भरता है।
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2002 को ध्वज संहिता में किए गए संशोधन के बाद नागरिकों को अब किसी भी दिन, कहीं भी, ध्वज फहराने की आज़ादी है—बस संहिता का पूर्ण पालन जरूरी है। उन्होंने कहा कि तिरंगा केवल कपड़ा नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय भावना, पहचान और सम्मान का प्रतीक है। हर नागरिक को इसका सम्मान करना चाहिए और ध्वज के आचार-संहिता का पालन करना चाहिए।
“तिरंगा हर भारतीय को देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है,” — डॉ. वशिष्ठ।