
सत्येंद्र कुमार ने बताया कि प्ले स्कूलों के पंजीकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिकृत किया गया है। प्ले स्कूलों को हर वर्ष मान्यता रिन्यू करवाना अनिवार्य है। स्कूल अगर नियमों पर खरा नहीं उतरते हैं तो उन्हें तुरंत प्रभाव से बंद करवाया जा सकता है। नियमों के अनुसार प्ले स्कूलों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों का दाखिला करवाना अनिवार्य है। प्ले स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक संघ का गठन भी जरूरी है। प्ले स्कूलों का 3 से 4 घंटे से ज्यादा संचालन नहीं किया जा सकता है। एक कक्षा में 20 बच्चों पर एक टीचर और एक केयर टेकर का होना अति आवश्यक है। बच्चों के लिए एक रेस्ट रूम व दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय व लडक़े और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने अनिवार्य है। प्ले स्कूलों में बच्चों के लिए खेलकूद गतिविधियों के लिए प्ले ग्राउंड और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे का होना अनिवार्य है। सभी टीचरों व स्टाफ की पूरी जानकारी व पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होनी चाहिए। फायर एनओसी व बिल्डिंग का नक्शा होना अनिवार्य है। यह नहीं होने पर प्ले स्कूल मानक पर खरे नहीं उतरेंगे।