पलवल, 15 अक्तूबर। जिला बाल कल्याण परिषद के चेयरमैन एवं उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि बाल महोत्सव बच्चों के चहुंमुखी विकास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को बाल्यकाल में ही रचनात्मक गुर सिखाए जा सकते हैं, जिसमें बाल महोत्सव अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों को जिंदादिल बनाते हैं। जो बच्चे नृत्य, चित्रकला, गायन आदि प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं वे आगे चलकर इन्हीं क्षेत्रों मे निपुण कलाकार बन सकते हैं। यह दौर बच्चों के लिए अपार संभावनाओं से भरा होता है जो उनके लिए एक नई दिशा सृजित करता है, इसलिए सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगिताओं में भी बढ़-चढकऱ भाग लेते हुए अपना सर्वांगीण विकास करना चाहिए। इसमें शिक्षकों और अभिभावकों को भी बच्चों की मदद करनी चाहिए।
चेयरमैन एवं उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ मंगलवार को शहर के बाल भवन सामुदायिक केंद्र में आयोजित चार दिवसीय जिला स्तरीय बाल महोत्सव कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाल महोत्सव जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से बच्चों की प्रतिभा निखरने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास की भावना का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद बच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद अनेक बच्चों को हर साल उनकी छिपी हुई प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है, जिनका बच्चों को लाभ उठाना चाहिए और इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने इस दौरान बच्चों द्वारा की जा रही क्ले मॉडलिंग व स्कैचिंग का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि बाल दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय बाल महोत्सव प्रतियोगिताएं-2024 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जिलेभर से विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे भाग लेकर अपनी प्रतिभा एवं कलाओं का रंग बिखेर रहे हैं।
-सभी पर्यावरण का रखें ख्याल, इको फ्रेंडली तरीके से मनाएं त्योहार : उपायुक्त
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वरिष्ठ ने बच्चों से आह्वान किया कि वे त्योहारों पर पर्यावरण का भी ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि दीपावली सहित अन्य कई त्योहारों पर के बाद आतिशबाजी के चलते पॉल्यूशन बढ़ाता है, जिससे सांस लेना भी दूभर होने लगता है। उन्होंने आह्वान किया कि त्योहारों पर पर्यावरण का ख्याल रखते हुए दीपावली सहित अन्य त्योहार इको फ्रेंडली तरीके से मनाएं ताकि आने वाली पीढ़ी स्वच्छ व साफ पर्यावरण में सांस ले सके। उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि वे अपने अभिभावकों व परिजनों को भी फसल अवशेष, पराली व पटाखों का प्रयोग न करने बारे जागरूक करें और पलवल जिला को प्रदूषण मुक्त व स्वच्छ बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।
-बाल महोत्सव के दौरान आयोजित की जाएंगी विभिन्न प्रतियोगिताएं
जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा डागर ने बताया कि बाल महोत्सव में प्रथम वर्ग में पहली से पांचवीं कक्षा तक, द्वितीय वर्ग में छठी से आठवीं कक्षा तक, तृतीय वर्ग में नौवीं से दसवीं कक्षा तक व चतुर्थ वर्ग में ग्यारहवीं से बारहवीं कक्षा तक की कुल चार वर्गों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन प्रतियोगिताओं में समूह नृत्य, एकल नृत्य, क्लासिकल नृत्य, देशभक्ति समूहगान, एकल गान, एकांकी नाटक, बेस्ट ड्रामेबाज, लड़कियों व लडक़ों के फन गेम्स, कार्ड मेकिंग, क्ले मॉडलिंग, थाली पूजन एवं कलश डेकोरेशन, दीया केंडल डेकोरेशन, पोस्टर मेकिंग, स्कैचिंग ऑन स्पॉट, डिक्लेमेशन कांटेस्ट, क्विज कांटेस्ट, हिंदी व अंग्रेजी में हस्त लेखन, रंगोली सहित आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 14 नवंबर को विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला रैडक्रॉस सचिव बिजेंद्र सरोत, बलबीर सिंह, जसवीर तेवतिया व सीडब्ल्यूसी मेंबर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।