पलवल, 04 जुलाई। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में निर्वाचन आयुक्त डा. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ आयोग ने दलों के प्रतिनिधियों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं, मुद्दों और प्रश्नों को सुना और उनके लिए बिहार में सुव्यवस्थित ढंग से चल रही संपूर्ण विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक व्याख्या की। आयोग ने राजनीतिक दलों को बताया कि यह कार्यकलाप योजनाबद्ध, चरणबद्ध और सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है ताकि सभी पात्र नागरिकों को शामिल किया जा सके। बिहार राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,54,977 बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) की सक्रिय भागीदारी भी यह सुनिश्चित कर रही है कि यह प्रक्रिया सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो रही है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से आह्वान किया कि वे मतदाताओं को नामांकन में सहायता प्रदान करने और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सहभागी बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में बीएलए नियुक्त करें।
पहले चरण में गत 25 जून से 3 जुलाई 2025 तक गणना प्रपत्र मुद्रित किए जा रहे हैं और बिहार के लगभग 7.90 करोड़ निर्वाचकों को वितरित किए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए 77,895 बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को काम पर लगाया गया है तथा 20,603 और बीएलओ की नियुक्ति भी की जा रही है। यह बीएलओ उन सभी 7.90 करोड़ निर्वाचकों के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र (ईएफ) पहुंचा रहे हैं, जिनके नाम निर्वाचक नामावली में हैं। उन्होंने बताया कि इन प्रपत्रों को आयोग के पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) से भी डाउनलोड किया जा सकता है, और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए भी प्रतिदिन 50 सत्यापित प्रपत्र जमा कर सकते हैं।
दूसरे चरण में गणना प्रपत्र भरे जाएंगे और 25 जुलाई 2025 से पहले जमा किए जाने हैं। इस प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करने के लिए बीएलओ के साथ-साथ मतदाताओं की सहायता के लिए वालंटियर उपलब्ध कराए गए हैं। मतदाताओं के लिए प्रक्रिया को सहज बनाने और बूढ़े, बीमार, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), गरीब और अन्य कमजोर समूहों की मदद करने के लिए लगभग 4 लाख वालंटियर्स को तैनात किया गया है जिनमें सरकारी पदधारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन निर्वाचकों के नाम निर्वाचक नामावली में मौजूद हैं, उन्हें केवल ईएफ के साथ नामावली का एक अंश जमा करना होगा, कोई अन्य दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। जिन निर्वाचकों के नाम 2003 की नामावली में सूचीबद्ध नहीं है, उनको अपनी जन्मतिथि के अनुसार जन्म तिथि जन्म स्थान के लिए 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज जमा करना होगा, जिनमें 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्ति को स्वयं के लिए एक दस्तावेज उपलब्ध कराना है और 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे व्यक्तियों को अपने एवं अपने माता-पिता में से किसी एक के लिए दस्तावेज जमा कराना है तथा 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्तियों को अपने व अपने माता-पिता दोनों के लिए दस्तावेज जमा कराने होंगे। तीसरे चरण में जो 25 जून 2025 से 26 जुलाई 2025 तक साथ-साथ चल रहा है, बीएलओ द्वारा स्व-प्रमाणित दस्तावेजों के साथ पूर्णत: भरे हुए गणना प्रपत्रों को एकत्र किया जाएगा और दैनिक आधार पर बीएलओ ऐप/ईसीआई-नेट के माध्यम से डाटा अपलोड भी किया जाएगा। निर्वाचकों के लिए प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए गणना प्रपत्रों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा विकसित की गई है और यह जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी। चौथे चरण में 1 अगस्त 2025 को प्रारूप निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी। सूची में वे सभी निर्वाचक शामिल होंगे जिनके प्रपत्र निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्राप्त हो गए हैं। जिन नामों के लिए 25 जुलाई से पहले कोई गणना प्रपत्र जमा नहीं किया गया है, वे प्रारूप नामावली में प्रदर्शित नहीं होंगे।
पांचवां चरण 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक जनता में से कोई भी व्यक्ति दावे और आपत्तियां दाखिल कर सकता है। जनता प्रारूप नामावली में नाम शामिल करने के लिए दावा कर सकती है या मौजूदा प्रविष्टियों के लिए आपत्तियां दर्ज कर सकती है। विधिवत जांच और संबंधित व्यक्ति को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना कोई भी नाम नहीं हटाया जाएगा। दावों और आपत्तियों की दैनिक सूची सभी ईआरओ के कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएगी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी प्रकाशित की जाएगी। साप्ताहिक अपडेट राजनीतिक दलों के साथ भी साझा किए जाएंगे। दावों और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम निर्वाचक नामावली तैयार की जाएगी। अंतिम निर्वाचक नामावली 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी। ईआरओ के निर्णय से असंतुष्ट कोई भी निर्वाचक उस आदेश के पंद्रह दिनों के भीतर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 (क) के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील कर सकता है। यदि निर्वाचक फिर भी असंतुष्ट रहता है तो धारा 24 (ख) के तहत 30 दिनों के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अगली अपील की जा सकती है। निर्वाचन आयोग ने सभी पात्र नागरिकों से इस विशेष अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रक्रिया में कोई भी मतदाता न छूटे।