
फरीदाबाद, 25 जुलाई: मोठूका गांव के ग्रामीणों ने वेस्ट टू चारकोल प्लांट के खिलाफ 258 दिन से अनवरत धरना जारी रखा है। उनका कहना है कि यह प्लांट लगने से गांव की उपजाऊ जमीन और हरियाली बर्बाद हो जाएगी, साथ ही पर्यावरण भी गंभीर रूप से प्रदूषित होगा। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि वे अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे—अगर इसके लिए बलिदान भी देना पड़े।

यह परियोजना केंद्र सरकार की हरित कोयला योजना के तहत फरीदाबाद नगर निगम और एनटीपीसी द्वारा चलाई जा रही है, जिसके तहत प्रतिदिन 500 टन कचरे से चारकोल बनाने की योजना है। इसके लिए गांव की 79 एकड़ भूमि ली गई, जिसमें से 40 एकड़ जमीन नगर निगम को सौंपी गई।
पूर्व सरपंच राजवीर ने बताया कि यह जमीन उपजाऊ है और वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों से हरी-भरी है, जहां नीलगाय, हिरण और गौवंश चारा चरते हैं। आसपास BPL कॉलोनी, जवाहर नवोदय विद्यालय और अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज जैसे संवेदनशील संस्थान भी हैं, जिससे यह स्थान कूड़ा प्रबंधन के लिए उपयुक्त नहीं है।
ग्रामीणों का संकल्प स्पष्ट है: “मर जाएंगे लेकिन प्लांट नहीं लगने देंगे।” मुरारी लाल सहित अन्य ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि जब तक यह प्रस्ताव पूरी तरह से रद्द नहीं होता, तब तक विरोध जारी रहेगा और जल्द ही महापंचायत बुलाई जाएगी।
📞 संपर्क: पूर्व सरपंच राजवीर – 9991 836159