फरीदाबाद, 24 सितंबर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अग्रणी पहल करते हुए लोकसभा चुनाव की भांति हरियाणा के विधानसभा आम चुनाव में भी बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए उनके घर से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। जिला फरीदाबाद में 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और 40 प्रतिशत बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) वैकल्पिक घरेलू मतदान सुविधा का लाभ देने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू कर दी गई है। फरीदाबाद जिले में उक्त दोनों श्रेणियों के 241 मतदाताओं ने घर से मतदान का विकल्प चुना है।
डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं व 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा का विकल्प चुनने का अवसर दिया गया था। इन दोनों कैटेगरी के मतदाताओं को फॉर्म 12 डी भरना था। जिले में इन दोनों श्रेणियों के 241 मतदाताओं ने घर से मतदान का विकल्प चुना है व ऐसे मतदाताओं के घर पर पोलिंग टीम पुलिस सुरक्षा के साथ मतदान करवाने के लिए जा रही हैं। ऐसे मतदाता बैलेट के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। डीसी ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिला फरीदाबाद की छह विधानसभा में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों व 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग जन 241 मतदाताओं ने घर से मतदान करने का विकल्प चुना है। भारत निर्वाचन आयोग की घर से मतदान की पहल लोकतांत्रिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं ने की भारत निर्वाचन आयोग की पहल की सराहना :
घर से मतदान की सुविधा का लाभ उठाने वाले बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं ने भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल के लिए आभार जताते हुए संतुष्टि व्यक्त की है। मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की पूरी टुकड़ी की भागीदारी के साथ घर से मतदान प्रक्रिया पूरी की जा रही है साथ ही मतदान की गोपनीयता भी बनाए रखी जा रही है। 85 प्लस व 40 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने घर से मतदान सुविधा का लाभ उठाने के बाद खुशी और सराहना व्यक्त करते हुए कहा, लोकतंत्र की मजबूती के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से उठाया गया यह कदम सराहनीय है। भारत निर्वाचन आयोग की यह पहल यह सुनिश्चित कर रही है कि नागरिकों का वोट देने का अधिकार शारीरिक बाधाओं और दिव्यांगता से घिरा नहीं है तथा इस ध्येय व प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि कोई भी मतदाता पीछे न छूटे।