
सोनीपत, 19 सितंबर:
उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि जिले के जरूरतमंद बच्चों को समय पर आर्थिक, शैक्षणिक और चिकित्सा सहायता प्रदान करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फोस्टर परिवारों और वित्तीय सहायता के लिए पात्र बच्चों का चयन पारदर्शी और नियमों के अनुसार किया जाए।
उपायुक्त ने प्रायोजन और पालक देखभाल अनुमोदन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बच्चों के हित में स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर मामलों की नियमित समीक्षा हो और योजनाओं का लाभ सीधे बच्चों तक पहुंचे।
बाल मजदूरी को रोकने के लिए उपायुक्त ने जिला स्तर पर नियमित चैकिंग करने और बाल मजदूरी करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चों को झांसे में लाकर औद्योगिक या घरेलू मजदूरी कराना गंभीर अपराध है और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो। स्वास्थ्य और पुलिस विभाग 24 घंटे सक्रिय रहते हुए स्कूलों और अन्य संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर निगरानी रखें।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन, एसीपी निधि नैन, पीओआईसीडीएस प्रवीण कुमारी और जिला बाल संरक्षण अधिकारी रितू गिल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।