सोनीपत, 21 नवंबर।
एसआरएम यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में आयोजित ‘एक राष्ट्र–एक चुनाव’ परिचर्चा में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि बेहतर और स्थायी सुशासन की दिशा में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आर्थिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग आवश्यक है, और यह व्यवस्था अनावश्यक खर्च कम करने में मदद करेगी।
मंत्री राणा ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि 2019 के आम चुनाव में लगभग 60 हजार करोड़ रुपये तथा 2024 के चुनाव में 1.35 लाख करोड़ रुपये तक का खर्च हुआ। यदि देश में सभी चुनाव एक साथ हो जाएं, तो इसी बजट में राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1952 से 1967 तक देश में संयुक्त रूप से चुनाव कराए जाते थे, जिससे समय और धन की बचत होती थी। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बाद के वर्षों में राजनीतिक व्यवस्था में बदलावों की वजह से खर्च बढ़ता गया।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस मॉडल को महत्वपूर्ण सुधारों में रखा है और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संसद में इसे लागू करने की वकालत की थी। लगातार चुनाव होने से प्रशासनिक और विकास कार्यों पर असर पड़ता है, यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लंबे समय से एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं।
एक राष्ट्र–एक चुनाव राजनीतिक शुचिता का मार्ग – फणीन्द्र नाथ शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के संगठन महासचिव फणीन्द्र नाथ शर्मा ने कहा कि पारदर्शी और जवाबदेह राजनीति के लिए यह व्यवस्था अहम कदम है। उन्होंने बताया कि एक उच्च स्तरीय समिति ने इस मॉडल पर विस्तृत रिपोर्ट 2024 में प्रस्तुत की थी, जिसे 28 सितंबर 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर चुनाव सुधार की दिशा में बड़ा निर्णय लिया। उनका कहना था कि यह व्यवस्था प्रशासनिक प्रबंधन को सरल बनाएगी और चुनावी खर्च में उल्लेखनीय कमी ला सकती है।
उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित होती भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए यह प्रक्रिया समय की आवश्यकता है। आज भारत की तकनीकी क्षमता को विश्व सम्मान देता है, और आर्थिक रूप से सशक्त भारत भविष्य में अनावश्यक अंतरराष्ट्रीय दबावों से भी मुक्त रह सकेगा।
युवा वर्ग से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका की अपील
विश्वनाथन जन कल्याण मंच के सदस्य दीपक ने कहा कि देश की समृद्धि और अच्छे प्रशासनिक ढांचे के निर्माण में शिक्षित और युवा वर्ग की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपने कौशल, समय और प्रयास लगाने की अपील की, ताकि देश की प्रगति की दिशा में तेज़ी लाई जा सके। उनका कहना था कि पूर्वजों द्वारा किए त्याग को सार्थक करने का समय अब है।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारद्वाज, कुलपति परमजीत सिंह, लॉ विभागाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रो. कुलश्रेष्ठ सहित कई गणमान्य लोग, शिक्षण स्टाफ और विद्यार्थी मौजूद रहे।

