पराली जलाने के स्थान पर पर्यावरण हितैषी विकल्प अपनाने का किया गया आग्रह
पलवल, । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) पलवल की ओर से गुरुवार को ग्राम किशोरपुर और बामनीखेड़ा में विशेष कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का उद्देश्य ग्रामीणों को उनके कानूनी अधिकारों, सरकारी योजनाओं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना था।
डीएलएसए की चेयरपर्सन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज गुप्ता के मार्गदर्शन तथा सचिव एवं सीजेएम हरीश गोयल के नेतृत्व में आयोजित इन कार्यक्रमों में पैनल अधिवक्ता हंसराज शांडिल्य, पीएलवी सुंदरलाल और कृषि विभाग से सुंदर तेवतिया उपस्थित रहे। अधिवक्ताओं ने किसानों को बताया कि पराली जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह कानूनी रूप से दंडनीय अपराध भी है। उन्होंने किसानों को पराली प्रबंधन के व्यावहारिक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि राज्य सरकार ऐसे किसानों के लिए कई सहायता योजनाएं चला रही है।
कार्यक्रम में किसानों को यह भी अवगत कराया गया कि भारी वर्षा या प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की स्थिति में वे मुआवजा, बीमा और राहत योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। कृषि विभाग के अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपनी फसल का विवरण पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करें, जो निकटतम सीएससी सेंटर, लघु सचिवालय या स्मार्टफोन से आसानी से किया जा सकता है।
🌿 बामनीखेड़ा शिविर में महिला व बाल अधिकारों पर हुई विशेष चर्चा
गांव बामनीखेड़ा में आयोजित शिविर में पैनल अधिवक्ता महेश चंद शर्मा, कमलेश, पीएलवी अनिल कुमार और शोभा रानी ने ग्रामीणों को नालसा, हालसा एवं अन्य कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।
इस दौरान महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। विशेष रूप से बाल विवाह, मानव तस्करी, दुर्व्यवहार और शिक्षा से वंचित बच्चों के कानूनी संरक्षण पर प्रकाश डाला गया।
अधिवक्ताओं ने बताया कि पराली जलाने से वायु में हानिकारक गैसों और सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे सांस, एलर्जी और आंखों की बीमारियाँ बढ़ती हैं। मिट्टी की उर्वरता घटती है और किसानों को अधिक रासायनिक खादों पर निर्भर होना पड़ता है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे फसल अवशेष प्रबंधन जैसी पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को अपनाएं।
ग्रामीणों को यह भी जानकारी दी गई कि जिन परिवारों की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, वे डीएलएसए की ओर से नि:शुल्क अधिवक्ता सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कानूनी सहायता या जानकारी के लिए ग्रामीण हेल्पलाइन नंबर 01275-298003 (डीएलएसए पलवल) या 15100 (नालसा हेल्पलाइन) पर संपर्क कर सकते हैं।

