सोनीपत, 20 नवंबर।
जिला कारागार में गुरुवार को एक विशेष आध्यात्मिक संवाद आयोजित किया गया, जिसमें परम पूज्य राष्ट्रीय रत्न गुरुदेव उपेन्द्र मुनि महाराज ने कैदियों को जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और बेहतर सोच के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। यह आयोजन जेल प्रशासन की “सकारात्मक सुधार – सकारात्मक समाज” पहल के तहत हुआ, जिसका उद्देश्य कैदियों को बेहतर जीवन की ओर प्रेरित करना है।
अपने संबोधन में गुरुदेव उपेन्द्र मुनि महाराज ने कहा कि जीवन में गलती होना स्वाभाविक है, लेकिन यह गलती नहीं बल्कि उससे मिली सीख भविष्य को दिशा देती है। उन्होंने कहा कि संयम, क्षमा, आत्म-ज्ञान और विचारों की पवित्रता ही जीवन को सही मार्ग पर ले जाते हैं। गुरुदेव ने कैदियों से आग्रह किया कि वे नशा, क्रोध और नकारात्मकता से दूरी बनाएँ और नए संकल्पों के साथ अपने जीवन की शुरुआत करें।
उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता, जैन दर्शन और दैनिक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि हर व्यक्ति में परिवर्तन की अद्भुत क्षमता होती है। जेल को केवल सज़ा का स्थान नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन और नए जीवन की तैयारी की भूमि मानने की बात कही। उन्होंने कहा कि जेल की दीवारें किसी की प्रगति को रोक नहीं सकतीं, जब मन में सकारात्मक दिशा और लक्ष्य मौजूद हो।
कार्यक्रम के दौरान कैदियों ने ध्यानपूर्वक प्रवचन सुने और कई बंदियों ने अपने जीवन में सुधार लाने की इच्छा भी व्यक्त की। गुरुदेव ने कैदियों से बातचीत करते हुए ध्यान, प्रार्थना और मानसिक दृढ़ता को रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में डिप्टी जेलर दीपक हुड्डा ने कहा कि ऐसे आध्यात्मिक सत्र कैदियों में नैतिक मूल्यों और आत्मविश्वास को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने गुरुदेव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विचारों ने बंदियों के मन में नई आशा, ऊर्जा और सकारात्मक सोच का संचार किया।

