
पलवल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने जिला प्रशासन के सहयोग से मंगलवार को जिला सचिवालय परिसर में भूकंप जैसी आपदाओं से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास में सचिवालय में फंसे व्यक्तियों को एनडीआरएफ व सीआरडीएफ की टीमों ने सुरक्षित बाहर निकाला। एनसीसी कैडेट्स, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
मॉक ड्रिल के दौरान, आपदा का संकेत देने वाले सायरन बजते ही सभी अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षा के लिए बाहर आए। सूचना मिलते ही बचाव दल तुरंत कार्रवाई में जुट गया। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, ने बचाव कार्य की निगरानी की।
टीमों ने विशेष उपकरणों का उपयोग करते हुए भवन के अंदर और बाहर फंसे लोगों को बचाने का सफल प्रदर्शन किया। घायल व्यक्तियों को स्ट्रेचर पर और कुछ को कंधों पर उठाकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। मेडिकल पोस्ट पर जिला स्वास्थ्य विभाग और रेडक्रॉस वॉलंटियर्स ने तत्काल उपचार प्रदान किया। आग लगने की संभावित स्थिति के लिए दमकल विभाग भी तत्पर था।
एनडीआरएफ व सीआरडीएफ ने अधिकारियों, कर्मचारियों और आम जनता को आपदा के दौरान सुरक्षित बचाव के सही तरीकों के बारे में मार्गदर्शन दिया। बचाव दल ने लोगों से कहा कि आपदा के समय धैर्य रखें, भगदड़ न मचाएं और सीढ़ियों से ही बाहर निकलें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि इस तरह के अभ्यास से विभागों के बीच समन्वय बेहतर होता है, तैयारियों की कमजोरियां समझ में आती हैं और सभी को राहत कार्यों का प्रशिक्षण मिलता है। उन्होंने नागरिकों से भी आपदा के दौरान सतर्क रहने और बचाव कार्यों में सहयोग करने का आग्रह किया।
साथ ही, उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को सुबह 9 बजे पलवल के गांव राजुपुर खादर में भी एनडीआरएफ की ओर से मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें ग्रामीणों को आपदा से निपटने की जानकारी दी जाएगी। सभी ग्रामीणों से इस अभ्यास में हिस्सा लेने की अपील की गई है।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम पलवल ज्योति, एसडीएम हथीन गुरमीत सिंह, सीटीएम अप्रतिम सिंह, डीआरओ बलराज सिंह, एनडीआरएफ टीम के अधिकारी एवं जिला के विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।