
नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद राजधानी में हाथ से सीवर सफाई का अमानवीय काम जारी है। हाल ही में अशोक विहार में 40 वर्षीय अरविंद की मौत इस प्रथा की भयावहता को उजागर करती है, जबकि तीन अन्य कर्मचारी गंभीर हालत में हैं।
यादव ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार द्वारा बनाये गए मैनुअल स्क्वैंजिंग पर प्रतिबंध और पुनर्वास कानून के बावजूद न तो पिछली आप सरकार और न ही वर्तमान भाजपा सरकार इस अमानवीय प्रथा को रोकने में सफल रही। सुप्रीम कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, लेकिन यह केवल प्रतीकात्मक कदम है।
उन्होंने बताया कि 2013 से 2024 के बीच दिल्ली में 72 से अधिक सफाई कर्मचारियों की मौत हाथ से सीवर सफाई के कारण हुई है। यह प्रथा विशेष रूप से दलित और वंचित समुदाय के लोगों के लिए खतरनाक है, जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए जीवन जोखिम में डाल रहे हैं।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा मैन्युअल स्क्वैंजिंग और पुनर्वास के लिए बजट पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। सरकारी विभाग अक्सर यह काम निजी एजेंसियों को सौंप देते हैं ताकि मृत्युपरांत कोई जवाबदेही न हो। उन्होंने चेताया कि मशीनों पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद मैन्युअल सफाई जारी है, और इससे सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है।
यादव ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री और मंत्री द्वारा मशीनों से सफाई की घोषणाओं और निरीक्षण के बावजूद क्यों हाथ से सफाई जारी है। उन्होंने कहा कि पूर्व आप सरकार भी इस अमानवीय प्रथा पर रोक लगाने में विफल रही।