फरीदाबाद में आयोजित भारत विकास परिषद के वार्षिकोत्सव में दिव्यांग बच्चों के कौशल और प्रतिभा ने सभी का मन जीत लिया। कार्यक्रम पूरी तरह दिव्यांग बच्चों को समर्पित रहा, जहाँ उनकी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को प्रभावित किया और सभागार तालियों से गूंज उठा।
इस समारोह में प्रसिद्ध पैरा-एथलीट एवं पद्मश्री डॉ. दीपा मलिक विशेष आकर्षण रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांग बच्चों को सहारे की नहीं, संवेदना और साथ निभाने वाले लोगों की आवश्यकता होती है। उन्होंने भारत विकास परिषद द्वारा संचालित परियोजनाओं की खुलकर सराहना की और समाज से ऐसे प्रयासों को बढ़ाने की अपील की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने की। वहीं कई गणमान्य अतिथियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को विशेष बनाया।
विवेकानंद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने देशभर की संस्कृति—कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत—की झलक अपनी वेशभूषा और प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रदर्शित की। कला, नृत्य और भाषाओं की विविधता ने कार्यक्रम को बेहद आकर्षक बना दिया।
बच्चों द्वारा स्लोगन और पोस्टर के साथ प्रस्तुत सामूहिक प्रदर्शन को भी दर्शकों ने सराहा। समापन से पहले ‘हम ही कौशल का विकास करते हैं’ थीम पर शिक्षकों और बच्चों ने शानदार प्रस्तुति दी।
आरएसएस के उत्तर क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण सिंघल ने कहा कि कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, सामाजिक दायित्व और समावेशी सोच को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के हित में काम कर रही पूरी टीम की प्रशंसा की।
प्रधानाचार्य रेनू अग्रवाल ने शिक्षा प्रोजेक्ट की प्रगति और केंद्र की उपलब्धियों की जानकारी साझा की। मंच संचालन राजकुमार अग्रवाल ने किया। अंत में सभी ने राष्ट्रगान और सामूहिक प्रसाद ग्रहण कर कार्यक्रम का समापन किया।

