नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भाजपा सांसद द्वारा राजधानी का नाम “इंद्रप्रस्थ” करने की मांग को राजनीतिक ध्यान भटकाने की चाल बताया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली गंभीर समस्याओं—जैसे वायु प्रदूषण, अव्यवस्थित परिवहन, और बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था—से जूझ रही है, तब भाजपा सांसद लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
यादव ने कहा कि इतिहासकारों ने भी इस नाम बदलने की मांग को असंगत और हास्यास्पद बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सांसद दिल्ली के प्रदूषण, जहरीली यमुना, या सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत पर कभी आवाज़ क्यों नहीं उठाते।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विकास की जगह गरीबों की झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने और वादाखिलाफी करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि “पिछले 12 सालों में दिल्ली ने केवल वादे सुने हैं, न राहत मिली, न रोजगार।”
देवेंद्र यादव ने कहा कि महिलाओं को 2500 रुपये मानदेय और रियायती गैस सिलेंडर देने जैसे भाजपा के वादे अभी तक पूरे नहीं हुए। वहीं शिक्षकों की भर्ती में उम्र सीमा घटाकर सरकार ने बेरोजगार युवाओं में नाराज़गी और निराशा बढ़ाई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद को जनहित और दिल्ली के विकास पर बात करनी चाहिए, न कि “नाम बदलने जैसी अव्यावहारिक मांगों” पर। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार महंगाई, प्रदूषण और बढ़ती जीवन-यापन की मुश्किलों से ध्यान हटाने के लिए विवादों का सहारा ले रही है।
अंत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय दिल्ली का बुनियादी ढांचा और गरीबों का जीवन स्तर सुधरा था। “आज दिल्ली की जो आधुनिक पहचान है, वह कांग्रेस के शासन की देन है, जबकि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने जनता को सिर्फ वादों और भ्रष्टाचार का बोझ दिया है,” यादव ने कहा।

