पलवल, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल ने गांव असावटा, जैंदापुर और टीकरी ब्राह्मण में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए। इन शिविरों में पैनल अधिवक्ताओं ने ग्रामीणों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों और वैकल्पिक उपयोग के उपायों के बारे में जागरूक किया।
वक्ताओं ने बताया कि पराली जलाने से हवा में जहरीली गैसें मिलती हैं, जो सांस संबंधी बीमारियों, एलर्जी और पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनती हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे पराली को जलाने के बजाय चारा, खाद या बायो-ईंधन के रूप में उपयोग करें — इससे मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
कानूनी विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पराली जलाना कानूनन अपराध है, जिसके लिए 5,000 से 30,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों को महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों के अधिकारों की जानकारी दी तथा नि:शुल्क कानूनी सहायता योजनाओं के बारे में बताया।
अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल की हेल्पलाइन 01275-298003 या नालसा हेल्पलाइन 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।

