
पलवल, यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ संभावित गांवों में 24 घंटे अलर्ट मोड लागू कर दिया है। उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष, डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राहत और बचाव कार्य तुरंत सक्रिय किए जाएं।
उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीणों को घबराने की जरूरत नहीं है और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार बचाव और प्रबंधन सुनिश्चित करें, साथ ही रिंग बांध और संवेदनशील क्षेत्रों की लगातार निगरानी करें।
जनस्वास्थ्य विभाग को मानव और पशु दोनों के लिए पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दवाइयों और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करने, और बिजली विभाग को जनरेटर सहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग और बीडीपीओ को पशु चारा उपलब्ध कराने और राजस्व विभाग को बोट, लाइफ जैकेट और गोताखोरों की व्यवस्था करने का आदेश भी दिया गया।
सभी पंचायत स्तर के अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेंगे। चौकीदारों को भी सतर्क रहने और मुनादी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने बुजुर्गों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
डॉ. हरीश कुमार ने आम जनता से केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करने और अफवाहों से बचने का आग्रह किया। आपातकालीन सेवाओं के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, NCC और वालंटियर्स को भी तैनात किया गया है।
हेल्पलाइन: पलवल फ्लड कंट्रोल रूम – 01275-298160, होडल – 01275-235836।
लोगों से अपील की गई है कि यमुना के किनारे न जाएं, बच्चों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें, और आवश्यकता पड़ने पर बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करें।