
पलवल, 05 अक्तूबर। जिला प्रशासन और कृषि विभाग पलवल द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर चलाया जा रहा अभियान लगातार जारी है। उपनिदेशक डॉ. बाबूलाल ने बताया कि विभागीय टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय व आर्थिक नुकसान के बारे में जागरूक कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि पराली जलाते पाए जाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें किसी भी सरकारी अनुदान या लाभ से वंचित किया जाएगा। वहीं जो किसान फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करते हैं, उन्हें प्रति एकड़ ₹1200 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सहायक तकनीकी प्रबंधक अतुल शर्मा ने बताया कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरता घटती है और मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। आधुनिक यंत्र जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा चौपर आदि पर 50% तक सब्सिडी दी जा रही है ताकि किसान इन-सिटू और एक्स-सिटू विधियों से अवशेषों का प्रबंधन कर सकें।
कृषि विभाग का लक्ष्य है कि जिले में पराली जलाने की एक भी घटना न हो। ऐसा करने वाले किसानों पर 2 एकड़ तक ₹5000, 5 एकड़ तक ₹15000 और 5 एकड़ से अधिक पर ₹30000 तक जुर्माना लगाया जाएगा।