
पलवल, सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। एसडीएम ज्योति के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में सुरक्षित स्कूली परिवहन नीति और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर गहन चर्चा की गई।
बैठक की सबसे बड़ी खासियत थी – आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित मोबाइल ऐप ‘संजय’। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जुड़े विशेषज्ञों ने इस स्मार्ट ऐप की कार्यप्रणाली समझाई, जो सड़क दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट्स की पहचान और विश्लेषण में प्रशासन को मदद करेगा। यह ऐप पुलिस, ट्रैफिक विभाग और अस्पतालों को समय रहते आवश्यक कदम उठाने में मददगार बनेगा।
एसडीएम ज्योति ने बताया कि ‘संजय’ ऐप के जरिये प्रत्येक सड़क हादसे की जगह, तारीख, वक्त, शामिल वाहन और नुकसान की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। फोटो और वीडियो भी अपलोड कर, आईआईटी मद्रास तक पहुंचाए जाएंगे, जिससे घटनास्थल की तकनीकी समीक्षा हो सकेगी और सुधार के सुझाव मिल सकें।
इसके साथ ही शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, अवैध कटों को बंद करने, और मुख्य मार्गों पर संकेत बोर्ड व रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश भी जारी किए गए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खराब ट्रैफिक लाइट्स को तत्काल सुधारा जाए।
स्कूल बसों को लेकर उन्होंने बेहद सख्त निर्देश दिए – हर चालक और परिचालक का पुलिस सत्यापन ज़रूरी होगा। बिना वैध दस्तावेज और स्वास्थ्य जांच के किसी को बस संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस वैध हो।
स्कूलों के बाहर मानक अनुसार स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की छुट्टी के समय स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई स्टाफ सड़क पर ड्यूटी पर मौजूद रहे ताकि छात्र अनुशासन में रहें।
बैठक में आरटीए सचिव जितेंद्र कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहे। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से कहा कि वे सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और अपने विभाग में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें।