
सोनीपत, 26 सितंबर। उपायुक्त सुशील सारवान ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के खिलाफ दर्ज अत्याचार निवारण मामलों की जांच में तेजी लाई जाए और पीड़ितों को आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि समय पर मदद न केवल आर्थिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी पीड़ितों के लिए सहायक होती है।
उपायुक्त सुशील सारवान की अध्यक्षता में शुक्रवार को लघु सचिवालय में जिला स्तरीय सतर्कता और निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान समिति के सामने कुल 16 मामलों की समीक्षा की गई और उपायुक्त ने जिला कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि संबंधित लोगों को आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यालय से बजट सुनिश्चित करें।
सुशील सारवान ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी प्रकार के अत्याचार या दुव्र्यवहार की स्थिति में पीड़ित परिवार को तुरंत मदद मिले। इसके साथ ही पुलिस विभाग को भी सभी शिकायतों पर तत्पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में हुए समझौते वाले मामलों की जांच की भी हिदायत दी, ताकि किसी दबाव में मामलों का निपटारा न हो।
उपायुक्त ने एसडीएम और अधिकारियों को गांव-गांव में सेमिनार आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे में जागरूक हों और किसी भी अत्याचार से सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा, उन्होंने हर महीने के पहले और तीसरे बुधवार को जिला स्तर पर मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित करने का भी निर्णय लिया।
इस दौरान एसीयूटी योगेश दिल्हौर, एसडीएम गोहाना अंजलि श्रोत्रिय, एसडीएम खरखौदा डॉ. निर्मल नागर, एसडीएम सोनीपत सुभाष चंद्र, एसीपी राहुल देव, डीआरओ सुशील शर्मा और जिला कल्याण अधिकारी कमल कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।