
सोनीपत, 26 सितंबर। धान कटाई सीजन के दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेशभर के उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त सुशील सारवान ने जिले में पराली प्रबंधन की योजना का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में 341 नोडल अधिकारी तैनात हैं, जो नियमित निगरानी के साथ किसानों को जागरूक भी कर रहे हैं। जिले में इस साल 2.27 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगी है, जिसमें 2.16 लाख हेक्टेयर पर बासमती और 11 हजार हेक्टेयर पर नॉन-बासमती धान शामिल है।
इस वर्ष अनुमानित 4.54 लाख एमटी धान अवशेष के प्रबंधन के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। इसमें 30% इन-सीटू (खेत में) और 70% एक्स-सीटू (खेत के बाहर) प्रबंधन शामिल है। जिले में 28 बैलर और 2152 सुपर सीडर मशीनें उपलब्ध हैं और किसानों को 645 कृषि यंत्र वितरण के लिए ड्रॉ भी निकाला गया है।
उपायुक्त ने किसानों से आग्रह किया कि वे अवशेष जलाने के बजाय कृषि यंत्रों से खेत में मिलाएं। ऐसा करने वाले किसानों को हरियाणा सरकार द्वारा 1200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी भी दी कि जो किसान पराली या अन्य अवशेष जलाते पाए गए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, जिला प्रशासन ने कूड़ा करकट जलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में जिले के प्रमुख अधिकारी और विभाग प्रमुख भी उपस्थित थे।