हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनीपत में आयोजित 72वें राज्य स्तरीय सहकारिता सप्ताह-2025 की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रदेश की वास्तविक प्रगति तभी संभव है जब गांव सशक्त हों और गांवों की उन्नति का सबसे मजबूत माध्यम सहकारिता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को सहकारिता वर्ष के रूप में मनाते हुए सरकार का लक्ष्य है कि सामूहिक प्रयासों के जरिए समृद्धि लाई जाए और इसी समृद्धि के आधार पर आत्मनिर्भरता का मजबूत ढांचा तैयार हो।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अब समय है कि वे पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलकर नई सहकारी समितियों का निर्माण करें और डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए इन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान तक पहुंचाएं। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने सहकारिता का ध्वज फहराया और उसके बाद लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
सैनी ने कहा कि सहकारिता आंदोलन उन लाखों लोगों के सहयोग और बचत से खड़ा हुआ है, जिन्होंने छोटी-छोटी कोशिशों को मिलाकर इसे एक विशाल रूप दिया। आज जब भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है, सहकारिता इस यात्रा की महत्वपूर्ण कड़ी बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में सहकारिता को नई दिशा देने के लिए अलग मंत्रालय बनाए जाने को उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम बताया।
प्रदेश में सहकारिता की प्रगति
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सहकारी संस्थाएं लगातार मजबूत हो रही हैं। सहकारी बैंकों ने अब तक तीन लाख से अधिक किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाए हैं। 21 पैक्स केंद्रों को गोदाम निर्माण के लिए चुना गया है। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को फसली ऋण पर ब्याज से राहत देने की योजना के तहत अब तक 5.31 लाख किसानों को 1,223 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। रोहतक में हैफेड द्वारा 180 करोड़ रुपये की लागत से मेगा फूड पार्क का निर्माण जारी है, जबकि 10 सहकारी चीनी मिलें लगभग 93 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो रही हैं।
सहकारी समितियों के लिए उठाए गए कदम
उन्होंने बताया कि सहकारी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए राज्य में 710 पैक्स का कम्प्यूटरीकरण हो रहा है, जिनमें से 475 पहले ही ई-पैक्स के रूप में कार्यरत हैं। पैक्स के लिए नए मॉडल बायलॉज तैयार किए गए हैं और देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना भी लागू की जा रही है, जिसके तहत हर ब्लॉक में बड़े गोदाम बनाए जा रहे हैं। एफपीओ को सहकारी समितियों के साथ जोड़कर किसानों को नई आर्थिक शक्ति प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि प्रत्येक नागरिक सहकारिता की भावना को अपनाए और सामूहिक प्रयासों के साथ हरियाणा को देश का सबसे विकसित, समृद्ध और सहकारिता-उन्मुख राज्य बनाने में योगदान दे।

