
पलवल, उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्तंभ है। उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों की सेवा करना सर्वोच्च पुण्य का कार्य है, जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था – ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’।
दूधौला स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उपायुक्त ने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत’ जैसे प्रेरक संदेशों को जीवन का हिस्सा बनाएं।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म और व्यावहारिक ज्ञान को जोड़कर समाज को सशक्त बनाया। उनका जीवन चरित्र आज भी अनगिनत युवाओं के लिए मार्गदर्शक है।
कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद केन्द्र की हरियाणा-पंजाब प्रान्त संगठक प्रांजलि ने कहा कि स्वामी जी ने कठिन परिस्थितियों में भी वैश्विक जागृति का मार्ग प्रशस्त किया और भारत माता के प्रति प्रेम जगाया। उनके जीवन से युवाओं को सेवा, आत्मविश्वास और परिश्रम का पाठ मिलता है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का ज्ञान और व्यक्तित्व व्यक्ति, समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरक हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में फोकस, फ्लो और फॉर्म के सिद्धांत अपनाने की भी सलाह दी। संयोजक सुधीर कपूर ने अतिथियों का धन्यवाद किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर शिक्षक और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।