नई दिल्ली, 1 नवम्बर 2025 —
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर यमुना सफाई परियोजनाओं में हुए 6856 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों सरकारों ने “यमुना सफाई” के नाम पर केवल दिखावा किया और जनता को गुमराह किया।
यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता से किए गए वादे अधूरे रह गए हैं। वर्षों से अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद यमुना की स्थिति जस की तस है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से 2022 के बीच 6856 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन प्रदूषण पर कोई ठोस असर नहीं पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि “करदाताओं के खून-पसीने की कमाई से खर्च की गई रकम का हिसाब मांगा जाना चाहिए।” यादव ने उपराज्यपाल से अपील की है कि इस मामले में जांच एजेंसियों को शामिल कर व्यापक जांच शुरू की जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा और आप — दोनों ही सरकारें यमुना को स्वच्छ करने के दावे तो करती रहीं, लेकिन जमीनी काम में असफल रहीं। 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों में से 26 आज भी मानकों पर खरे नहीं उतर रहे, जिससे यमुना में प्रतिदिन 171 एमजीडी सीवेज सीधे गिर रहा है।
देवेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि सरकार को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता और गुणवत्ता सुधारने, औद्योगिक कचरे के प्रबंधन, वृक्षारोपण और जनजागरूकता पर गंभीरता से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल धन खर्च करने से नहीं, बल्कि योजनाबद्ध प्रयासों से ही यमुना को पुनर्जीवित किया जा सकता है।

