फरीदाबाद में स्वच्छता, स्वास्थ्य और सौंदर्य को एक साथ बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगर निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने एक बड़े हरित अभियान की शुरुआत की है। आरडब्ल्यूए सेक्टर-14 के सेंट्रल पार्क में आयोजित शीतकालीन पुष्प वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने इस पहल को शहर के नए हरित-सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत बताया। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर धीरेन्द्र खड़गटा और मेयर प्रवीण जोशी भी मौजूद रहे।
विपुल गोयल ने कहा कि फरीदाबाद कभी सांस्कृतिक रूप से जीवंत और पहचान वाला शहर था, लेकिन औद्योगिक विकास की तेज़ रफ्तार के बीच शहर की सांस्कृतिक महक कहीं पीछे छूट गई। अब नगर निगम, प्रशासन और समाज मिलकर ओपन-एयर थिएटर, सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्विज और पार्क आधारित गतिविधियों के माध्यम से शहर की सांस्कृतिक विरासत को फिर से सक्रिय करने की दिशा में काम करेंगे। उनका कहना था कि जब शहर का प्राकृतिक वातावरण मजबूत होता है, तो मानसिकता और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह के निर्देशानुसार शहर के सभी सेक्टरों में “पार्क प्रतियोगिता” आयोजित की जाएगी। जिस सेक्टर का पार्क सबसे आकर्षक और सुंदर पाया जाएगा, उसे ₹1 लाख का पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। जल्द ही इसकी विस्तृत रूपरेखा साझा की जाएगी। इसके साथ ही शहर के छोटे-छोटे 1000 से 2000 वर्ग गज क्षेत्रों में 500 सिटी फॉरेस्ट विकसित किए जाएंगे, जिनमें से 15 पहले ही तैयार हो चुके हैं और भविष्य में इन्हें शहर के “ऑक्सीजन चेंबर” के रूप में विकसित किया जाएगा।
कार्यक्रम में नागरिकों के उत्साह को सराहते हुए मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि लगभग 17 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार की गई है, ताकि हर पार्क, हर बालकनी और हर घर के आंगन में हरियाली का विस्तार हो सके। आरडब्ल्यूए, पार्षदों, नगर निगम अधिकारियों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की सहभागिता के साथ अगले एक महीने में पूरे शहर में सर्दियों के आकर्षक और रंगीन फूल लगाए जाएंगे। यह पहल न केवल स्वच्छ और स्वस्थ फरीदाबाद की दिशा में आगे बढ़ती है, बल्कि शहर को एक खूबसूरत और जीवंत रूप देने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम में पार्षद मुकेश अग्रवाल, सचिन शर्मा, कुलदीप साहनी, दिलीप वर्मा, आशु वर्मा, नरेश शर्मा, पंकज गर्ग, जी.एस. रावत, नीरज चावला सहित अनेक सामाजिक प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।
फरीदाबाद अब सिर्फ हरियाली का उत्सव नहीं मना रहा है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक आत्मा की वापसी का भी मजबूत कदम उठा चुका है, जो आने वाले वर्षों में एक स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध भविष्य की नींव रखेगा।

