गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी लोन ऐप कॉल सेंटर नेटवर्क का खुलासा किया।
गुरुग्राम: साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में गुरुग्राम पुलिस ने सेक्टर 48 स्थित एक कमर्शियल बिल्डिंग में चल रहे अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारकर 50 कर्मचारियों को हिरासत में लिया। यह कॉल सेंटर नकली लोन ऐप के जरिए लोगों को छोटा लोन देने का झांसा देकर बाद में उनकी निजी जानकारी का दुरुपयोग करते हुए ब्लैकमेल करता था।
फर्जी लोन ऐप रैकेट कैसे चलता था?
साइबर पुलिस के अनुसार, गुरुग्राम कॉल सेंटर रेड गिरोह कई अनधिकृत लोन ऐप के जरिए लोगों को तुरंत लोन देने का लालच देता था।
ऐप इंस्टॉल करते ही ये ऑपरेटर:
- मोबाइल कॉन्टैक्ट्स और गैलरी डेटा चुरा लेते थे
- भारी प्रोसेसिंग फीस काट लेते थे
- बहुत कम लोन राशि जारी करते थे
- प्रताड़ना और धमकी देना शुरू कर देते थे
- निजी फोटो और नंबर लीक करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे
पुलिस ने बताया कि इस पूरी गतिविधि का संचालन विदेश से बैठे लोगों द्वारा किया जा रहा था।
रेड कैसे की गई – पूरी टाइमलाइन और कार्रवाई
स्थान और समय
शुक्रवार देर रात, पीड़ितों से लगातार शिकायतें मिलने के बाद साइबर पुलिस ने गुरुग्राम के सेक्टर 48 स्थित दफ़्तर पर छापा डाला।
कार्रवाई के मुख्य बिंदु
- 50 कर्मचारी हिरासत में
- 35 कंप्यूटर और 60 मोबाइल जब्त
- फर्जी सिम कार्ड बरामद
- ब्लैकमेलिंग स्क्रिप्ट और ऑडियो रिकॉर्ड मिले
- कॉल लॉग और व्हाट्सएप चैट रिकॉर्ड कब्जे में लिए
पुलिस के अनुसार, अधिकांश कर्मचारी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को टारगेट करने के लिए प्रशिक्षित थे।
पुलिस ने क्या कहा?
एक वरिष्ठ साइबर अधिकारी ने बयान दिया:
“यह कॉल सेंटर एक संगठित तरीके से फर्जी लोन ऐप चलाकर लोगों को धमकाता और ब्लैकमेल करता था। पीड़ितों की निजी जानकारी का दुरुपयोग किया जाता था। विदेशी नेटवर्क की भी जांच की जा रही है।”
मामले में और गिरफ्तारियाँ होने की संभावना है।
पीड़ितों पर असर और आगे की जांच
हरियाणा, दिल्ली-NCR, यूपी और राजस्थान के हजारों लोग इस गिरोह के टारगेट पर थे।
पुलिस अब:
- डिजिटल सबूतों का विश्लेषण कर रही है
- संदेहास्पद बैंक खातों की जांच कर रही हैhttps://www.bhaskar.com/
- विदेशी नेटवर्क तक लेन-देन का पता लगा रही है
- आईटी एक्ट और साइबर क्राइम के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं
जांच के दायरे में कई अन्य स्थान भी लिए गए हैं।
FAQ Section (Hindi)
Q1. फर्जी लोन ऐप लोगों को कैसे फंसाते हैं?
ये ऐप तत्काल लोन देने का झांसा दे कर मोबाइल डेटा एक्सेस कर लेते हैं और बाद में निजी फोटो व कॉन्टैक्ट्स का इस्तेमाल कर धमकी देते हैं।
Q2. गुरुग्राम पुलिस ने इस केस में क्या कार्रवाई की है?
50 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया, कई डिवाइस जब्त किए गए और नेटवर्क संचालकों की जांच जारी है।
Q3. ऐसे स्कैम से कैसे बचें?
केवल भरोसेमंद ऐप इंस्टॉल करें, अनावश्यक परमिशन न दें और किसी भी संदिग्ध लोन ऐप की शिकायत 1930 पर करें।
