सोनीपत में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की जांच करता प्रशासन
वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सोनीपत जिला प्रशासन ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) की सख्त पालना सुनिश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। उपायुक्त सुशील सारवान के नेतृत्व में गुरुवार को जिलेभर में एक साथ छापेमारी और निरीक्षण अभियान चलाया गया।
इस अभियान के तहत प्रशासन की 19 संयुक्त टीमों ने 500 से अधिक फैक्ट्रियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की जांच की। निरीक्षण के दौरान प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों, ईंधन के उपयोग, उत्सर्जन मानकों, डीजल जनरेटर, निर्माण गतिविधियों और कोयले के इस्तेमाल की गहन जांच की गई।
फिरोजपुर बांगर क्षेत्र में करीब 20 उद्योगों में पिट फर्नेस जलती पाई गई, जिन्हें तत्काल बंद कराया गया। कुंडली और प्याऊमनियारी क्षेत्रों में कई फैक्ट्रियों में डस्ट कलेक्शन की भारी कमी और प्रतिबंधित डीजल जनरेटर पाए गए। वहीं गन्नौर क्षेत्र में निर्माण कार्य और कोयले के उपयोग के मामले सामने आए।
जहां भी नियमों का उल्लंघन मिला, वहां रिपोर्ट कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को भेजी गई और सीलिंग, बिजली कनेक्शन काटने व जुर्माने जैसी सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।