गुरु नानक देव जी का जीवन मानवता, सत्य और प्रेम का प्रतीक रहा है। उन्होंने सिखाया कि सच्ची भक्ति केवल पूजा-पाठ में नहीं, बल्कि हमारे आचरण और व्यवहार में होती है। जब हम सत्य बोलते हैं, सभी के प्रति प्रेम रखते हैं और निःस्वार्थ सेवा करते हैं, तब हम वास्तव में ईश्वर के करीब पहुँचते हैं।
गुरु नानक देव जी के उपदेश हमें याद दिलाते हैं कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है। समाज में प्रेम, एकता और करुणा फैलाना ही उनका असली संदेश था। आज के समय में, जब दुनिया विभाजन और स्वार्थ से जूझ रही है, उनकी शिक्षाएँ फिर से हमें एकजुट होने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
आइए, इस गुरुपर्व पर हम सब संकल्प लें —
कि हम सच्चाई, प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलकर गुरु नानक देव जी के उपदेशों को अपने जीवन में उतारेंगे।

