फरीदाबाद, 5 सितम्बर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमी चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यशवीर सिंह राठौर के दिशा निर्देशानुसार और सीजेएम कम् सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंगलेश कुमार चौबे की अध्यक्षता में एक बैठक लीगल एड क्लीनिक को लेकर विगत दिवस आयोजित की गई थी। बैठक में मंगलेश कुमार चौबे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि गांवों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर की तर्ज पर लीगल एड क्लीनिक बनाए हुए हैं, जोकि काफी दिनों दिनों से बंद पड़े हैं। उन्होंने कहा इनको लेकर कि इन लीगल एड क्लीनिक को दोबारा से सुचारू रूप से चलाया जाए।
सीजेएम मंगलेश कुमार चौबे सहित अन्य लोगों ने इस सुझाव को बैठक में उपस्थित सभी ने ठीक माना इसलिए इन सब बातों के मद्देनजर रखते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों को लीगल एड क्लीनिक का अतिरिक्त कार्य भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों का कर्तव्य रहेगा कि जब कोई पीड़िता बच्चा या अन्य कोई कानूनी मदद के लिए आता है तो उस सूरत में आंगनवाड़ी केंद्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के हेल्पलाइन नंबर 0129 2261898 या प्रभात शंकर स्टेनो डीएलएसए के मोबाइल फोन नंबर 99 107 43 710 पर किसी भी समय सूचित कर सकते हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पैनल एडवोकेट पैरा लीगल वालंटियर एनजीओस वन स्टॉप सेंटर आंगनवाड़ी केंद्रों से समन्वय बनाए रखेंगे। आंगनवाड़ी केंद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा गांव गांव में इस बारे में जागरूकता लाई जाएगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिन एनजीओ ने स्वेच्छा से इस कार्य के लिए अपनी सहमति दी है। उसका ड्यूटी रोस्टर तैयार कर इन लीगल लीगल एड क्लीनिको को अमली जामा पहनाकर फिर से शुरू किया जाएगा। इस बारे में जिला प्रोग्राम ऑफिसर हर एक आंगनवाड़ी केंद्र को आवश्यक निर्देश जारी करेगी।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला प्रोग्राम ऑफिसर अनीता शर्मा, डब्लूसीडीपीओ डॉ मंजू श्योराण, अनीता गाबा व शकुंतला रखेजा ने भाग लिया।
बैठक में अनीता शर्मा जिला प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र पूरे जिला में कार्य कर रहे हैं और महिलाओं और बच्चों की सहायता कर रहे हैं। पहले यदि कोई शिकायत महिला व बच्चों से संबंधित आंगनवाड़ी सेंटर पर आती थी तो वह शिकायत वन स्टॉप सेंटर जोकि बीके हॉस्पिटल एनआईटी फरीदाबाद में स्थित है। वहां पर भेज दिया जाता है। उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि लीगल एड क्लीनिक भी इन्हीं आंगनवाड़ी सेंटर पर कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से केसो में पीड़िता वन स्टॉप सेंटर नहीं पहुंच पाती है। यदि लीगल एड क्लीनिक का कार्य भी आंगनवाड़ी केंद्रों को दिया जाता है तो यह समाज के लिए व पीड़ितों के लिए और बच्चों के लिए ज्यादा लाभकारी रहेगा।