फरीदाबाद : महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आमजन को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

फरीदाबाद (बल्लभगढ़), 03 फरवरी। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आमजन को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान जिला में उपायुक्त यशपाल के दिशा निर्देशों अनुसार और उपमंडल में एसडीएम अपराजिता के मार्गदर्शन में जोर शोर से चलाया जा रहा है।
पोषण जागरूकता अभियान के तहत गत दिवस मंगलवार को गांव झाड़सैन्त्ली, ऊँचा गांव, आदर्श नगर, संजय कॉलोनी सहित अन्य क्षेत्रों में चला कर लोगों को जागरूकता के प्रति प्रेरित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कम् डब्ल्यूसीडीपीओ बल्लभगढ़ शहरी ब्लॉक अनीता शर्मा ने बताया कि पोषण के पांच मुख्य सूत्र हैं। इनमें मुखत: सूनहरे हजार दिन, पौष्टिक आहार, एनिमिया, डायरिया आदि बीमारियों से बचाव, स्वच्छता एवं साफ सफाई रखना यही मूल मंत्र है। उन्होंने आगे बताया कि पोषण अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लोगों में स्वच्छता और स्वच्छ खानपान के प्रति जागरूक करना है। गर्भवती व दूधमाता महिलाओं तथा बच्चों के खान-पान, रहन सहन सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बच्चों व गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाव के लिए नियमानुसार टीकाकरण करवाना और महावारी के दौरान किशोरियों व महिलाओं को खानपान एवं स्वयं की स्वच्छता के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने का काम निरन्तर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पोषण जागरूकता अभियान के प्रति लोगों में अधिक से अधिक खानपान तथा रहन-सहन में स्वच्छता और सात्विकता के प्रति जागरूक करना है। सूपरवाइजर पूनम ने पोषण के पांच सूत्र सूनहरे हजार दिन, पौष्टिक आहार, एनिमिया, डायरिया, स्वच्छता एवं साफ सफाई बारे विस्तार बारिकियों से पूर्वक महिलाओं को समझाया। इसी कड़ी में सूपरवाइजर शीला देवी ने बच्चों के लिए सतरंगी थाली, अन्नप्राशन, गोद भराई, टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलियां और हरी सब्जियों को खाने के तौर तरीकों बारे बारिकी से जानकारी दी। सूपरवाइजर सुनीता रावत ने बताया कि पोषण जागरूकता अभियान के तहत गत मंगलवार को ऊँचा गांव, झाड़सैन्त्ली, आदर्श नगर, संजय कॉलोनी सहित अन्य क्षेत्रों में चला कर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया।

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