सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं कलाकार-डा. नीरज

सूरजकुंड, 22 मार्च। सूरजकुंड मेला भारत की  विविध  संस्कृतियों का संगम है। हमारे कलाकार हमारी सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढिय़ों तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।

हरियाणा पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक व सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के प्रशासक डा. नीरज कुमार ने आज छोटी  चौपाल में हरियाणा व बाहर से  आए तीस  चित्रकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करतेे हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेले में भारत के हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर सहित युगांडा, उज्बेकिस्तान, ईरान, नेपाल, अफगानिस्तान  सहित तीस देश भाग ले रहे हैं। इन देश-विदेश से आए कलाकारों ने एक ही  स्थान पर विभिन्न संस्कृतियों से हमारा परिचय करवाया है। जो दृश्य  हमें सैंकड़ों मीलों की यात्रा करने के बाद दिखाई देते हैं, उनको यहीं छोटी-बड़ी चौपाल पर देखा जा सकता है। सांस्कृतिक विकास व प्राचीन परंपराओं को सहेज कर रखने में सूरजकुंड मेला पिछले 34 बरसों से अपनी जिम्मेदारी निभाता आ रहा है।

डा. नीरज कुमार ने कहा कि तीन दिनों से हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के तत्वावधान में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जो कि आज संपन्न हो गई है। प्रदेश व दूसरे राज्यों से आए चित्रकारों ने अपनी कलाकृतियों से दर्शकों का अंतर  मन प्रफुल्लित हो गया। डा. नीरज ने भी इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया। विभाग की ओर से कला अधिकारी रेनु हुड्डïा, दीपिका व सुमन डांगी ने डा. नीरज कुमार का स्वागत किया। सम्मानित हुए कलाकारों में कुरूक्षेत्र से संगम, भारती धीमान, चंडीगढ़ से अमन पाठक, राजेंद्र भट्टï, लक्ष्मण कुमार उड़ीसा, विनोद अरोड़ा, संजय दिल्ली, संतोष मणिपुर, शक्ति अहलावत रोहतक, रीना सोनीपत, विकास रोहिला, दीपक कौशिक, सीमा, मनोज पटलान आदि शामिल थे। इनमें से एक कलाकार ऋषिराज  तोमर ने तो बेकार पड़े एटीएम कार्डों से गणेश जी का बहुत सुंदर चित्र बनाया हुआ था। कार्यक्रम के दौरान मेला प्रबंध समिति के सदस्य राजेश जून, स्टेज एंकर डा. आबिद अली, अशरफ, अभिषेक देसवाल इत्यादि उपस्थित रहे।

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