सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से मिल रहा स्वरोजगार को बढ़ावा

सूरजकुंड (फरीदाबाद), 04 अप्रैल। जूतियां अक्सर हम हरियाणा की देहाती महिलाओं का पहनावा समझते हैं लेकिन आज के आधुनिक दौर में ये जूतियां भी सभी वर्गों की महिलाओं के बीच स्टेटस सिंबल बन गई है। ऐसी ही भीड़ अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में अंतिम दिन सोमवार को स्टॉल नंबर 511 पर ज्वेलरी लेडीज स्लीपर वाटरप्रूफ जूतियां खरीदने के लिए महिलाओं की लगी रही।

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में चल रहे 35 वे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में इस बार गहने युक्त स्लीपर और वाटर प्रूफ जूती की अच्छी खासी डिमांड होने के कारण  महिलायें जमकर खरीदारी की।
एस.एम.एस. चला रही महालक्ष्मी यूनिट की उषा रानी ने बताया कि यूनिट कच्चा माल स्वयं सहायता समूह को महिलाओं को मुहैया कराती है,और तैयार माल को मार्किट में बिक्री  के लिये भेजती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने समूह के माध्यम से स्लीपरों पर सिल्वर और गोल्ड की कढ़ाई का वर्क कराया है, जिसका महिलाओं में अच्छा खासा क्रेज देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही वाटर प्रूफ जूति की इस बार मेले में खासी धूम रही, वाटर प्रूफ जूतियों की शोल गद्देदार होने के कारण अच्छा बिजनेस मिल रहा है। वाटर प्रूफ जूती की खासियत बताते हुए उषा रानी कहती हैं कि इन जूतियों से महिलाओं के पैरों के तकनो में दर्द नही होता, जबकि हार्ड शोल की जूतियों पैरों में दर्द का कारण बन जाती हैं। महिलाओं की पहली पसंद वाटर प्रूफ जूती बन गई है। सोमवार को मेले के आखिरी दिन महिलाओं ने जमकर खरीदारी की।

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