सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला- पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे इको फ्रेंडली हैंडलूम जूट आइटम

सूरजकुंड, (फरीदाबाद) 02 अप्रैल। प्लास्टिक व पॉलीथिन इस धरती को जहरीला बना रहे हैं। अगर हमने इनके प्रयोग को तुरंत प्रभाव से सीमित नहीं किया, तो आने वाले कुछ वर्षों में धरती रहने लायक नहीं बचेगी। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में धरती मां ट्रस्ट द्वारा निर्मित इको फ्रेंडली हैंडलूम जूट आइटम प्लास्टिक व पॉलीथिन का विकल्प बनकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। ये सभी आइटम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फोर लोकल के नारे को भी आगे बढ़ा रहे हैं।

नेशनल जूट बोर्ड वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से फरीदाबाद की सेहतपुर कृष्णा कॉलोनी निवासी भवानी सिंह जूट से बने उत्पाद बनाकर न केवल अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं बल्कि वे पर्यावरण को बचाने की अलख भी जगा रहे हैं।
भवानी सिंह पिछले 15 साल से जूट से बनी चप्पले, बैग, गमला, मूर्तियां, टोकरी, चिडिय़ा के घोंसले, झूमर तथा फ्लावर पॉट आदि अनेक  घरेलू प्रयोग के उत्पाद बना रहे हैं। उन्होंने इस कार्य के लिए 150 लोगों का ग्रुप बनाया हुआ है। इसके अलावा वे इस कला को सीखने वालों के लिए भी लगातार नव सृजन कार्यक्रम चलाते हुए प्रशिक्षण दे रहें हैं। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में लोग इन आइटम में अच्छी खासी रुचि दिखा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नेशनल जूट बोर्ड वस्त्र मंत्रालय की ओर से उन्हें पूरे देश में प्रदर्शनी के लिए स्टॉल मुफ्त उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके साथ ही वह अपना उत्पाद एक्सपोर्ट करने में भी बोर्ड की सहायता ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा वे स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक एकत्रित करके उसका भी आवश्यकतानुसार दोबारा प्रयोग इन उत्पादों में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि धरती मां को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए इस तरह के लोकप्रिय आइटम बनाकर लोगों के बीच जागरूकता उत्पन्न की जा सके।

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