पलवल, 22 सितंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने बताया कि होडल विधानसभा क्षेत्र में 10 वाहनों को मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत कागजात नहीं मिलने पर इंपाउंड किया गया था। इसी प्रकार फील्ड में एफएसटी व एसएसटी टीमों को तैनात किया गया है, जो बिना अनुमति के प्रचार कर रहे वाहनों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों व चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों का आह्वïान किया कि वे चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की अनुमति जरूर लें तथा बिना अनुमति के वाहनों पर झंडा, बैनर एवं लाउडस्पीकर लगाकर चुनाव प्रचार न करें। ऐसा करने पर इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए जरूरी कार्यवाही की जाएगी तथा वाहन व उसका सामान भी जब्त कर लिया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2024 की चुनावी प्रक्रिया में उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार के समय रोड शो, चुनाव रैलियों के दौरान जनसाधारण को असुविधा न हो, इसके लिए उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करनी होगी।
डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार या राजनैतिक दल को चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की अनुमति लेना जरूरी है, बिना अनुमति के प्रचार में वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकते। उम्मीदवार या राजनैतिक दल द्वारा प्रचार के लिए जिन वाहनों का पंजीकरण करवाया गया है, उनका विवरण व्यय पर्यवेक्षक को बताना जरूरी होता है, ताकि उनके चुनाव खर्च में जोड़ा जा सके। इसके अलावा, किसी भी अतिरिक्त वाहन की तैनाती तभी हो सकती है, जब उम्मीदवार या उसके एजेंट द्वारा वाहनों की वास्तविक तैनाती से पहले निर्धारित समय में इस आशय की सूचना दी गई हो। चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों का ब्यौरा देते समय उन क्षेत्रों, तहसील का ब्यौरा भी बताना चाहिए, जिनमें वाहन चलेंगे।
उन्होंने बताया कि चुनाव में प्रचार के लिए वाहनों का उपयोग यातायात नियमों के अनुसार ही करना होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा वाहन को छोडक़र 10 से ज्यादा वाहनों के काफिले को चलने की अनुमति नहीं होगी। वहीं उन्होंने बताया कि दो काफिलो में कम से कम 100 मीटर का फासला होना चाहिए। जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 160 में परिभाषित साइकिल रिक्शा भी एक ऐसा वाहन है, जिसका उपयोग चुनाव प्रचार के लिए किया जा सकता है। यदि इसका उपयोग किया जा रहा है, तो उम्मीदवार को अपने चुनाव व्यय खाते में इसके व्यय का हिसाब देना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवार को अपने चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किए जा रहे ऐसे रिक्शा का विवरण देना होगा और यदि रिक्शा के पास अपनी पहचान के लिए कोई नगरपालिका पंजीकरण/परमिट नहीं है, तो रिक्शा चालक को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उसके व्यक्तिगत नाम पर एक परमिट दिया जा सकता है, जिसे रिक्शा चालक को अभियान उद्देश्यों के लिए उस रिक्शा का उपयोग करते समय अपने साथ रखना होगा।
चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक मंचों पर या वाहनों पर लगाए गए लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर रात 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक प्रतिबंध रहेगा। रिटर्निंग अधिकारी हर प्रकार के चुनाव प्रचार पर निगरानी रखेंगे और नियमों की अवहेलना पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
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