पलवल, 29 सितंबर। जिलाधीश डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए जिला पलवल में धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा भी फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति आदेश की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो वह बीएनएस की धारा 223 संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण 1981 के तहत दंड का भागीदार होगा।
उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया कि वे धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली को न जलाएं, बल्कि फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अतिरिक्त कमाई करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। इसके अलावा आगजनी के कारण पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। किसानों को फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करने के लिए कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कृषकों को पराली का उचित प्रबंधन करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान फसल अवशेष व पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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