फरीदाबाद,19 जुलाई। डीसी जितेन्द्र यादव द्वारा जारी दिशा निर्देश पर सीईओ जिला परिषद सतेन्द्र दुहन के कुशल मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फरीदाबाद के अधिकारियों ने सरकार द्वारा चलाई गई स्कीमो का बारे गांव भस्ककोला में किसानों को जागरूक किया।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉक्टर वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग विभाग द्वारा धान की वैकल्पिक खेती तिल और दलहन खेती करने किसानों प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
उन्होंने किसानों को कृषि विभाग द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत, मेरी फसल मेरा ब्यौरा तथा अन्य स्कीमों पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जल शक्ति अभियान के तहत अधिक पानी की खपत वाली फसल धान की जगह वैकल्पिक फसलों की बिजाई के लिए किसानों को जागरूक किया।
उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग वीरेन्द्र देव आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधीकरण किया था। चालू खरीफ सीजन में भी यदि वह उस क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि 7000 / रु० प्रति एकड़ दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान विजित क्षेत्र में चारे की फसल लेते हैं व अपने खेत को खाली रखते है तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत भी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इस फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी विभाग द्वारा करवाया जाएगा जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल खुला है। उस पर ज्यादा से ज्यादा किसानों का पंजीकरण करवाएं।
मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर पंजीकरण के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी ली और जल्द ही तकनीकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
इस योजना को क्रियान्वित करने की जानकारी देते हुए किसानों को बताया गया कि फसल विविधीकरण को बढावा देने तथा तकनीकी जानकारी के लिए किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसले बिजाई करने की जानकारी दी गई। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने व अच्छी पैदावार लेने के लिए प्रदर्शन प्लॉट भी आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत” पोर्टल पर आगामी 31 जुलाई 2022 तक पंजीकरण करवाना होगा।
उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग विरेन्द्र देव आर्य ने बताया कि विभाग द्वारा जिला में निर्धारित 1288 एकड़ के लक्ष्य के एवज में 240 किसानों ने 983 एकड़ का पंजीकरण करवाया है। वहीं मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम में धान के स्थान पर चारा फसले, मूंग, अरहर, मक्का या खाली भूमि छोड़ने पर भी किसानों को स्कीम का लाभ दिया जायेगा।