पीएम अवार्ड -2021’ के लिए 4 फरवरी तक भरे जाएंगे आवेदन : डीसी जितेंद्र यादव

फरीदाबाद, 02 फरवरी। केंद्र सरकार की ओर से बेहतर कार्य करने वाले राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को ‘प्राइम मिनिस्टर अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन-2021’ के तहत वेबपोर्टल  https://pmawards.gov.in/  पर 4 फरवरी 2022 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

  डीसी जितेंद्र यादव ने सरकार की ओर से दिए जाने वाले अवार्ड के बारे जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस वर्ष लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए दिए जाने वाले प्रधानमंत्री वार्षिक पुरस्कारों को नए विषयों के आधार पर अवार्ड देने का निर्णय लिया है। इन विषयों में पोषण अभियान, खेलो इंडिया, पीएम सुनिधि योजना, एक जिला-एक उत्पाद योजना और मानव दखल के बगैर सेवाओं को बेहतर डिलीवरी तथा नवाचार के आधार पर अवार्ड के लिए शासकीय अधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन किया जाएगा। इस अवार्ड के तहत एक ट्रॉफी, शॉल तथा 20 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इन योजनाओं के आधार पर होगा मूल्यांकन

डीसी ने बताया कि जिलों में अधिकारियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए चुनी गई चार योजनाएं फिलहाल नरेंद्र मोदी सरकार के लिए प्राथमिकताओं में हैं। उन्होंने बताया कि देश के जिलों में अधिकारियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए जो चार योजनाएं चुनी गई हैं वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पहला मानदंड, पोषण अभियान में जनभागीदारी को बढ़ाना है, जिसका लक्ष्य बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। दूसरा मानदंड, किसी जिला में खेलों के विकास और नागरिकों की भलाई के लिए खेलो इंडिया योजना का भरपूर लाभ उठाया गया है और अगर योजना फिजिकल फिटनेस, नई खेल प्रतिभाओं की पहचान करने और बड़े मंच पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सभी जरूरी मदद मुहैया कराने के लिए जमीनी स्तर पर पहुंची है, तो उनका मूल्यांकन भी इसी आधार पर किया जाएगा। इसी प्रकार तीसरा मानदंड, जिलों में पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधी) योजना के तहत कैशबैक योजना के जरिए लाभार्थी वेंडर्स में डिजिटल लेनदेन को बढ़ाना है। इस योजना का उद्देश्य बगैर बैंकिंग वाले स्ट्रीट वेंडर्स को औपचारिक बैंकिंग चैनल्स में लाना है, ताकि वे शहरी अर्थव्यवस्था में शामिल हो सकें। मूल्यांकन की जाने वाली चौथी योजना ‘एक जिला-एक उत्पाद’ है।

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