पोषण अभियान के साथ साथ हुआ आंगनबाड़ी हरा भरा अभियान भी शुरू: डीसी विक्रम

फरीदाबाद, 05 सितम्बर। डीसी विक्रम ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला में पोषण अभियान के साथ साथ आंगनबाड़ी हरा भरा अभियान भी शुरू आज सोमवार से शुरू किया गया है।

जिला फरीदाबाद में पोषण अभियान को जन आन्दोलन के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत हर माह की 8 एवं 22 तारीख को आंगनबाड़ी केंद्र पर CBE करवाई जाती है। जिसमें गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की जाती है तथा पोषण की थाली भी भेंट की जाती है। जिसमें गर्भावस्था के दौरान खानपान में क्या क्या बातें ध्यान रखनी चाहिए बताया जाता है। छ: माह से ऊपर के बच्चे जिन्हें  ठोस आहार दिया जाना शुरू किया जाना है। उन बच्चों का अन्नप्राशन भी करवाया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र पर ही प्रत्येक माह की 15 तारीख को VHSND के रूप में मनाया जाता है। जिसमें सभी योग्य लाभार्थियों का टीकाकरण किया जाता है तथा उन्हें स्वास्थ्य एवं साफ़ सफाई संबंधित कई जानकारियां दी जाती हैं ।

डीसी ने कहा कि कुपोषण दुनिया भर में महिलाओं एवं बच्चों में बीमारियों और मृत्यु का एक प्रमुख कारण रहा है। भारत सरकार ने देश में कुपोषण की उच्च दर जैसी समस्याओं से निपटने के लिए समय-समय पर कई योजनाएं शुरू की हैं। पोषण अभियान या राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए प्रधानमंत्री की व्यापक योजना, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। उन्होंने आगे बताया कि देश में 8 मार्च, 2018 को पोषण अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए और कुपोषण से निपटने के लिए 8 मार्च, 2018 को राजस्थान से पोषण अभियान की शुरुआत की थी।

जिला महिला एवं बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने बताया कि पोषण अभियान सरकार का मल्टी-मिनिस्ट्रीयल कन्वर्जेंस मिशन है। जिसके तहत भारत को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। पोषण अभियान गरीब क्षेत्रों में बच्चों, महिलाओं और गर्भवती माताओं के पोषण को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। जिसका उद्देश्य 0-6 वर्ष, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं से बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार करना है। उन्होंने आगे बताया कि पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी से जुड़े बच्चे, किशोरियों, गर्भवती महिलाएं एवं धात्री महिलाओं को अन्य लाभ भी दिए जाते हैं, आंगनवाडी केंद्र पर दिया जाने वाला आहार भी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक कारगर होता है। जून 2021 में जिला में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 600 थी, आंगनवाडी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर के निरंतर गृह भ्रमण तथा महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी एवं जिला संयोजक के समय समय पर किये गए निरिक्षण एवं माता पिता को दिए हुए सुझावों से इन बच्चों कि स्थिति में सुधार हुआ तथा जिला में अति कुपोषित बच्चों की संख्या घटकर 10 रह गई है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कोर्डिनेटर गीता ने बताया कि पोषण अभियान के अंतर्गत कई रैलियां, प्रभात फेरी, महिला गोष्ठी एवं नुक्कड़ नाटक करवाए जाते रहते है। जिससे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लोगों को अभियान के बारे में जागरूक किया जा सके। गर्भवती महिलाओं तथा किशोरियों का समय समय पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कैंप लगा कर खून की जाँच करवाई जाती है। ताकि उनमे खून की कमी न हो तथा वे अनीमिया से ग्रसित न हों। आंगनवाडी केन्द्रों में पद रहे बच्चों का समय समय पर हेल्थ चेकअप भी करवाया जाता है तथा जिन बच्चों की चिकित्सीय जाँच में वे बीमार पाए जाते है तो उन्हें इलाज़ के लिए नागरिक/बीके अस्पताल में रेफेर भी किया जाता है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र के सभी लाभ प्राप्तकर्ताओं की सूची पोषण ट्रैकर ऐप पर डाली जा रही है। जिसके लिए उन्हें विभाग द्वारा 200 रुपए महीना इन्टरनेट के खर्चे के लिए प्रदान किए जा रहे हैं तथा जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोर्टल पर 80 प्रतिशत डाटा अपलोड प्रति माह करेगी उसे 500 रूपए महीना विभाग द्वारा इंसेंटिव के रूप में दिए जायेंगे। 

आंगनबाड़ी केन्द्रों में किचन गार्डनिंग भी की भी आज शुरुआत हुई है। जिसके माध्यम से केंद्र में आने वाले सभी लाभार्थियों को अपने घरों में भी सब्जी एवं पौधे लगाने के बारे में जागरूक किया जाता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है, वहीं आज सभी  आंगनबाड़ी केन्द्रों में ‘हरा भरा हरियाणा’ कैंपेन के दौरान पौधरोपण किया गया। जिसमें पोषण वाटिका/किचन गार्डन बनाया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में चलाये जा रहे प्रोग्राम गृह भ्रमण के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों को पोषाहार लेने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं तथा उन्हें घर घर जाकर पोष्टिक भोजन लेने एवं साफ़ सफाई रखने के बारे में जागरूक किया जा रहा है राष्ट्रीय पोषण माह में 0-6 साल के सभी बच्चों का वजन एवं माप आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लिया जा रहा है। पोषण माह में लोगों को पौष्टिक आहार प्राप्त करने पर बल दिया जा रहा है तथा खेलो और पढ़ो कैंपेन के माध्यम से खेल खेल में पढ़ाई करने पर भी बल दिया जा रहा है।

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