फरीदाबाद : एसडीएम अपराजिता ने उपमंडल स्तरीय राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि शिरकत कर 72वे गणतंत्र दिवस समारोह को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया।

फरीदाबाद (बल्लभगढ़), 26 जनवरी। एसडीएम अपराजिता ने उपमंडल स्तरीय राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि शिरकत कर 72वे गणतंत्र दिवस समारोह को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया। सर्वप्रथम एसडीएम अपराजिता ने शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को माला माला अर्पण करके उन्हें शत-शत नमन किया। तत्पश्चात उन्होंने स्थानीय पंचायत भवन परिसर में राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली और उन्होंने लोगों को राष्ट्र के नाम सन्देश दिया।

एसडीएम अपराजिता ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम 72वे गणतंत्र दिवस समारोह मना रहे हैं। इस पावन पर्व के अवसर पर मैं सभी उपमडंल, जिला और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई देती हूँ और आप सभी के सुख समृद्धि की मंगल कामना करती हूँ। एसडीएम अपराजिता ने कहा कि सन 1950 में आज के ही दिन हमारा संविधान लागू हुआ। स्वीधान सभा के सदस्यों ने लगभग 3 वर्षों तक कड़ी मेहनत करके यह विधान तैयार किया। इसी सविधान की बदौलत से छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी को न्याय, स्वतंत्रता और समानता का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे देश भक्तों के त्याग, तप, बलिदान की लंबी गौरवगाथा जुड़ी हुई है।

देश की आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, नेताजी नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित ज्वाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों कड़ा संघर्ष किया। शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और उद्धम सिंह जैसे क्रांतिकारियों के बलिदानों के कारण ही आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों के साथ-साथ उन जांबाज सैनिकों को भी सलाम करती हूं। जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उन्होंने 1857 की क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे पहले अंबाला छावनी से ही शुरू हुई थी। उस क्रांति में राव तुला राम ने तावडू में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे और नसीबपुर में अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया। झज्जर के नवाब रहमान खान, बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह तथा फरुखनगर के शासक अहमद अली को बिना सुनवाई के ही फांसी पर लटका दिया गया था। अमर शहीद और क्रांतिकारियों का उद्देश्य केवल राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्ति करना नहीं था, बल्कि उन्होंने एक ऐसे भारत का सपना देखा था। जिसमें गरीबी, भूखमरी, आर्थिक विषमता और शिक्षा सबके लिए समान हो। गणतंत्र दिवस का यह पावन पर्व खुशियां मनाने के साथ-साथ आत्म विशेषण करने का भी दिन है। आजादी के बाद अपने राष्ट्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है। लेकिन यह मुकाम हासिल करना अभी बाकी है। जिसका सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था।आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकारें हर वर्ग के विकास के लिए कार्य कर रही है। शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सीमा पर रक्षा करने वाले जवानों का मान बढ़ाया जा रहा है। हर गरीब, अमीर, बच्चा, बुड्ढा और जवान वर्ग के लोगों के लिए भलाई के कार्य क्रियान्वित किए जा रहे हैं। एसडीएम अपराजिता ने उपमंडल में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों, वीरांगनाओं, कोरोना काल में बेहतर कार्य करने वाले समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों और बेहतर कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भाजपा नेता टिपर चंद शर्मा, पारस जैन, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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