फेस्टिवल में ‘लाहौर के कबूतर’ नाटक का हुआ मंचन, लोगों की आंखे हुई नम


फरीदाबाद,10 मई।
थर्डबेल फाउंडेशन, जिला प्रशासन व हरियाणा कला परिषद के सहयोग से आयोजित होने वाले थियेटर फेस्टिवल के तीसरे दिन कल्चरल विंग द्वारा लाहौर के कबूतर नाटक का मंचन किया गया। सेक्टर 12 स्थित एचएसवीपी कनवेंशन सेंटर में आयोजित होने वाले इस नाटक में मुख्य अतिथि के रूप में फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ डॉ गरिमा मित्तल मौजूद थी। इस दौरान थर्डबेल फाउंडेशन के चेयरमैन ने कहा कि कलाकार अपनी प्रतिभा से लोगों का मनोरंज कर रहे हैं। शहर के थियेटर का माहौल बन रहा है। मंच का संचालन अभिषेक देशवाल ने किया।’लाहौर के कबूतर’ नाटक का निर्देशन मुकेश भाटी ने किया। कल्चरल विंग द्वारा पेश किये गए नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बताया कि हिन्दुस्तान-पकिस्तान के बंटवारे के समय लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। अपने घर मकान,गांव शहर छोडने पड़े।

बहुत नुकसान उठाना पडा। लेकिन उस समय एक नुकसान ऐसा हुआ, जिसकी भरपाई आज तक नहीं हुई। और वो ये की हिन्दू-मुसलमान ने एक दूसरे का हमेशा हमेशा के लिए भरोसा खो दिया । ये कहानी हरिराम दर्जी की है, जो बंटवारे में लाहौर छोड़ कर दिल्ली आ गया था। लेकिन परिवार लाहौर में ही छूट गया था। इसलिए बंटवारे के 10 साल बाद वो लाहौर जाता है, और अपने परिवार को खोजता है। तब उसे पता चलता है की उसका परिवार उन्हीं दिनों मार दिया गया था। घर जला दिया गया था। हरिराम रोता है,और बार बार पूछता है। लेकिन लाहौर में उसे कोई ये नहीं बताता की उसके परिवार का किसने क़त्ल किया। लेकिन नाटक में दर्शकों को सब पता चलता है, की ये सब उसके अपने सगे पडोसियों ने किया। उन लोगों ने किया जो हरिराम के घर आते जाते थे। जिनके भरोसे पर हरिराम का परिवार लाहौर रुक गया था। नाटक लाहौर के कबूतर के मुख्य किरदारों में मुकेश भाटी, राधा भाटी, देवश्री राजपूत, वर्षा भाटी, संजय बायला, राहुल शर्मा ने अहम भूमिका निभाई तो वहीं म्यूजिक पर ओमकार, लाइट्स पर विजय सिंह मौजूद थे। थर्ड बेल फाउंडेशन के चेयरमैन आदित्य कृष्ण मोहन व सदस्य अभिषेक देशवाल ने बताया कि फेस्टिवल के चौथे दिन हरियाणा नाटक स्कूल करनाल का नाटक ‘कोई दुख ना होतो बकरी खरीद लो’ का मंचन होगा।

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