हरियाणा (मेवात): विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शन में बजरंग दल द्वारा ब्रजमंडल मेवात धार्मिक यात्रा का आयोजन किया गया।

हरियाणा (मेवात): विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शन में बजरंग दल द्वारा ब्रजमंडल मेवात धार्मिक यात्रा का आयोजन किया गया जिसकी अगुवाई हरियाणा से आए हुए बजरंग दल के कार्यकर्ता के साथ विश्व हिंदू परिषद के सभी पदाधिकारी एवं हरियाणा प्रांत के प्रत्येक जिले से अधिकारियों के साथ आमजन समूह भी इस धार्मिक आयोजन में सम्मिलित हुए । इस धार्मिक यात्रा में लोगों ने अपने दो पहिया, चार पहिया एवं बसों के माध्यम से अपने-अपने जिलों से नलहर महादेव मंदिर, नलहार मेवात में एकत्र हुए। इस धार्मिक यात्रा आए हुए जन समूह या उसे जन-सैलाब कहें तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा क्योंकि हरियाणा का कोई भी ऐसा जिला नहीं था जहां से कार्यकर्ता बसों के माध्यम से या अपने स्वयं की वाहनों से इस यात्रा में शामिल में ना हुये हो।

अगर आंकड़ों की बात करें तो लगभग 10,000 के आसपास का आंकड़ा रहा और यह आधिकारिक आंकड़े रहा। यह आंकड़ा तब है जब संगठन ने इस बात को सुनिश्चित किया कि कोविड प्रोटोकॉल के अंतर्गत हमें संख्या को सीमित करके चलना है और सभी प्रकार के कोरोना (कोविद19 ) के नियमों का पालन भी करने का प्रयास किया गया।

नल्हार महादेव शिव मंदिर जो कि महाभारत कालीन मंदिर है जिसकी स्थापना के विषय में बताया जाता है कि इसकी स्थापना श्रीकृष्ण की हाथों हुई थी और यह वही पौराणिक और ऐतिहासिक जगह है जहां पर श्री कृष्ण पांडव और कौरवों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया था। समझौता संभव नहीं रहा और महाभारत कालीन जो युद्ध हुआ वह हम सबके सामने हैं धर्म ग्रंथों में उसका वर्णन है। यह मेवात का अरावली पहाड़ी क्षेत्र पौराणिक तो है ही और सदियों से यह एक धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात है साथ ही महाभारत काल में जब पांडवों ने अज्ञातवास का समय व्यतीत किया तो इन अरावली पहाड़ियों जंगलों और तलहटी में ही उन्होंने काफी समय व्यतीत किया और बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जिनकी स्थापना स्वयं युधिष्ठिर के हाथों वहां हुई है। मेवात का यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब श्री कृष्ण वृंदावन नगरी की चौरासी कोस यात्रा करने लोग आते थे तो इन्हीं जगहों से वह यात्रा आरंभ होती थी या इस क्षेत्र से होते हुए निकलती थी, समय काल के साथ नए-नए रास्ते बन गए जिसके कारण अब इस रास्ते का उपयोग कम हो गया है लेकिन फिर भी यहाँ रहने वालों के द्वारा बताया की आज भी पुराने लोग जो चौरासी कोस यात्रा करते हैं वह इस क्षेत्र से होकर निकलते है।

ज्ञात हो कि, विश्व हिंदू परिषद द्वारा यात्रा के मुख्य चार पड़ाव निर्धारित किए गए था की हम – नल्हार महादेव मंदिर नल्हर मेवात, मनसा देवी मंदिर नूह,
झीर मंदिर, फिरोजपुर झिरका एवं श्रृंगार मंदिर, सिंगार गांव पुनहाना धर्मिक यात्रा एवं गंगाजल से जलभिषेक करेंगे।

इस मेवात धार्मिक यात्रा के लिए मेवात के लोगों ने यात्रा में आए हुए भक्तजनों का जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया पानी और स्वास्थ्यवर्धक पेय के साथ-साथ भंडारे और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई थी और सभी का बहुत उत्साह एवं गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ जिसको देखकर ह्रदय इतना आनंदित हो गया कि यह यात्रा में आए हुए सभी बंधुओं ने कहा कि हमें तो हर वर्ष आना है और कोशिश करेगे की वर्ष में भी एक दो बार जरूर आए और सामूहिक रूप से आएंगे तो इसका रूप आयेगे तो आनंद ही कुछ और होगा।

माननीय डॉ सुरेंद्र जैन संयुक्त महामंत्री विश्व हिंदू परिषद मुख्य अतिथि रहे।जो कि इस यात्रा की अगुवाई प्रांत अध्यक्ष रमेश कुमार गुप्त ने की।साथ में उपाध्यक्ष पूर्व जज पवन कुमार, प्रांत उपाध्यक्ष सुशील जैन, प्रांत संगठन मंत्री प्रेम शंकर, प्रांत महामंत्री, ऋषि पाल शास्त्री एवं प्रांत गौ सेवा प्रमुख ईश्वर मित्तल जी प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख महावीर भरद्वाज, प्रांत मातृशक्ति संयोजिका इंदू राव , प्रांत दुर्गा वाहिनी संयोजिका रितु गर्ग, प्रांत सोशल मीडिया प्रमुख अनुराग कुलश्रेष्ठा, प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख थानमल, कालिदास सह प्रांत संपर्क प्रमुख, डॉ. बृजेश कुंटल सह प्रांत संपर्क प्रमुख, शिक्षाविद प्रोफेसर अशोक दिवाकर तथा हरीश शर्मा प्रमुख रूप से अन्य सभी भक्तजनों और कार्यकर्ताओं के साथ सम्मिलित रहे।

इस यात्रा के संदर्भ में सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह तो अभी धार्मिक यात्रा की शुरूआत है हमें अभी बहुत कार्य जमीनी स्तर पर करने है उन्होंने कहा मेवात क्षेत्र के सभी हिंदू भाई बहनों के सुख में तो खड़े होते ही हैं हमें दुख और पीड़ा के समय भी खड़ा होना है। मेवात क्षेत्र में पग-पग पर फैली हुई हमारी हिंदू धर्म की संस्कृतिक विरासत को संभालना है उसका जीर्णोद्धार करना है तथा इस यात्रा के आरंभ होने के बाद इस पर प्रयास किया जाएगा कि हम इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए विश्व हिंदू परिषद अपने हाथों में इस संकल्प को ले चुका है। अगर यह क्षेत्र जो की ब्रजमंडल कहलाता है इसकी सीमा उत्तर प्रदेश हरियाणा और राजस्थान से लगती है महाभारत कालीन का धरोहर है, अगर यह पर्यटन की दृष्टि से प्रशासन और सरकार इस पर विचार और अपनी जिम्मेदारियों को समझें तो यह यहां के रहने वाले लोगों के लिए उनकी उन्नति के लिए बहुत अच्छा रहेगा क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

रमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मैं सभी मेवात क्षेत्र के हमारे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं साथ साथ इस यात्रा के संयोजक एवं सहसंयोजक हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने इस यात्रा को सफल बनाया और भविष्य में भी हम इसी प्रकार के धार्मिक आयोजनों के माध्यम से यहां की सभी धार्मिक स्थलों पुनर्जीवित करेंगे और जिसेसे यहां रहने वाले हिंदू समाज के भाई, बहनों-माताओं के साथ हिंदू धर्म के मानने वालों को शक्ति का आभास होगा उन्हें इस बात का विश्वास कायम होगा कि धर्म संस्कृति और मानवता की रक्षा के लिए सदैव विश्व हिंदू परिषद उनके साथ है और जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है।

महावीर भरद्वाज ने कहा की आज ऐसा अद्भुत नजारा देखकर मन गदगद हो उठा धार्मिक नारों से ब्रजमंडल मेवात क्षेत्र गूंज उठा, भगवा रंग की शक्ति और आत्मविश्वास का अभूतपूर्व एहसास हुआ। धार्मिक भावना के साथ इस यात्रा में आए हुए सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने विश्व हिंदू परिषद के संकल्प को फलीभूत किया और इस मेवात धार्मिक यात्रा का शुभारंभ से अब ऐसी ही निरंतर आयोजन इस क्षेत्र में होते रहेंगे, जिससे कि क्षेत्र में रहने वाले सभी हिंदू भाई बहनों एवं बेटियों को आत्म बल मिलेगा तथा हिंदू धर्म और संस्कृति का उत्थान निरंतर समाज में प्रचार प्रसार होगा जिससे इस क्षेत्र उन्नति की ओर अग्रसारित होगा और जन जन तक उसका लाभ पहुंचेगा।

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