अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले : हरियाणा की बुनाई कला, दरी कला, फुलझड़ी कला, कुम्हार कला पहुंची लाखों सैलानियों तक

सूरजकुंड (फरीदाबाद), 03 अप्रैल। अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत 19 मार्च को हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल, महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तथा उज्बेकिस्तान के राजदूत ने संयुक्त रूप से की थी। पिछले 15 दिनों में विरासत हेरीटेज विलेज कुरुक्षेत्र द्वारा स्थापित किया गया ‘आपणा घर’ पर्यटकों एवं सैलानियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा। यहां पर दर्शाई गई हरियाणवी संस्कृति के माध्यम से संस्कृति का प्रचार-प्रसार लाखों पर्यटकों तक पहुंचा। इतना ही नहीं सोशल मीडिया के माध्यम से ‘आपणा घर’ के सेल्फी प्वाइंट पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। ‘आपणा घर’ में हरियाणा की लोक पारंपरिक विरासत को जिस तरीके से प्रस्तुत किया गया है वह मेले के आकर्षण का केंद्र बनी रही। ‘आपणा घर’ में बाटों के 500 सालों का इतिहास देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त लोक पारंपरिक अनाज के मापक भी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे। मुगल काल से लेकर आज तक मापों का जो इतिहास है वह वहां पर प्रदर्शित किया गया। इतना ही नहीं खेती-बाड़ी के लिए प्रयोग किए जाने वाले औजार भी यहां पर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

हरियाणा के लोक परिधान जिसमें घागरा, खारा विशेष रुप से युवा पीढ़ी के लिए किसी कौतुहल से कम नहीं है। ‘आपणा घर’ के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए विरासत के प्रभारी डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया की पिछले 15 दिनों में हरियाणा की विरासत लाखों लोगों तक पहुंची है। यहां पर भारतीय पगडिय़ों का इतिहास दर्शकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं है। इतना ही नहीं कुएं में प्रयोग किए जाने वाले कांटे और बिलाई भी ‘आपणा घर’ में प्रदर्शित किए गए हैं। लोक पारंपरिक बर्तन सैकड़ों की संख्या में यहां पर पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। यहां पर रखे गए बटेऊ गिलास पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। महासिंह पूनिया ने बताया कि अबकी बार ‘आपणा घर’ को विशेष रुप से हरियाणवी स्वरूप में ढालने का प्रयास किया गया। यहां पर हरियाणवी सांझी के दर्शन भी लोगों को होते हैं इसके साथ ही कुम्हार की कला, हरियाणा की बुनाई कला, लोकपारंपरिक दरी बनाने की कला तथा हरियाणा की सभी लोक कलाओं को विरासत के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। डॉ. पूनिया ने बताया कि हरियाणा का ‘आपणा घर’ हरियाणवी पगड़ी के लिए विशेष रूप से चर्चा में रहा। यहां पर ‘पगड़ी बंधाओ, फोटो खिंचाओ’, चौपाल का दृश्य, झरोखे का दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे। इस अवसर पर महासिंह पुनिया ने पर्यटक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.के. सिन्हा, प्रबंधक निदेशक नीरज कुमार तथा मेला अधिकारी राजेश जून एवं लोक संपर्क अधिकारी राजेश गौतम का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों ने मेले को सफल बनाने में जो योगदान दिया है वह अपने आप में महत्वपूर्ण है। इस मौके पर ‘आपणा घर’ को लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए डा. महासिंह पूनिया ने प्रिंट मीडिया व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी साथियों का विरासत की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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