1 दिसंबर से शुरू हुआ संसद सत्र 2025, कई अहम विधेयकों और विवादों पर बहस के लिए तैयार।
भारत में संसद सत्र 2025 की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कई नए बिल पेश किए गए, विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा, वहीं कुछ विधेयकों पर तीखी बहसें देखने को मिलीं। आर्थिक सुधारों, शिक्षा नीति में बदलाव और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बिलों ने इस सत्र को चर्चा का केंद्र बना दिया।
संसद सत्र 2025 में पेश किए गए प्रमुख बिल
इस बार के सत्र में कई अहम बिल चर्चा में रहे। इनमें शामिल हैं:
राष्ट्रीय डेटा संरक्षण संशोधन विधेयक
- डेटा सुरक्षा के नियमों में संशोधन
- प्राइवेट कंपनियों पर कड़ी जवाबदेही
- विपक्ष ने ‘Privacy Rights’ पर सवाल उठाए
शिक्षा सुधार बिल 2025
- स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव
- डिजिटल शिक्षा पर जोर
- विपक्ष ने कहा— “ग्रामीण क्षेत्रों की तैयारी कमजोर”
MSME कर राहत प्रस्ताव
- छोटे उद्योगों को राहत देने के नए प्रावधान
- व्यापार मंडलों ने बिल का स्वागत किया
- विपक्ष ने वित्तीय भार पर चिंता जताई
संसद सत्र 2025 में सबसे ज्यादा विवादित मुद्दे
इस सत्र में कुछ मुद्दों पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने दिखे:
- बेरोज़गारी के आंकड़ों को लेकर तीखी बहस
- सीमा सुरक्षा पर विपक्ष की प्रश्नोत्तरी
- अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट पर राजनीतिक तकरार
- मीडिया स्वतंत्रता से जुड़े सवाल
संसद सत्र 2025 का टाइमलाइन और मुख्य घटनाएं
- पहला सप्ताह: बिलों की प्रस्तुति और प्रारंभिक बहस
- दूसरा सप्ताह: विपक्ष के वॉकआउट और प्रश्नकाल में बाधा
- तीसरा सप्ताह: नए संशोधनों पर सहमति
- चौथा सप्ताह: बिल पास और सत्र का समापन
सरकार और विपक्ष के प्रमुख बयान
सरकार का पक्ष
- “सभी बिल नागरिकों के हित में हैं।”
- “डेटा सुरक्षा और रोजगार सृजन हमारी प्राथमिकता है।”
विपक्ष का पक्ष
- “कई बिल जल्दबाजी में पेश किए गए।”
- “जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से बचा जा रहा है।”
इस सत्र से क्या बदल सकता है?
- डिजिटल शिक्षा का विस्तार
- डेटा सुरक्षा कानून सख्त
- MSME सेक्टर को राहत
- सरकारी नीतियों में पारदर्शिता पर जोर
FAQ — संसद सत्र 2025
1. संसद सत्र 2025 कब शुरू हुआ?
जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में यह सत्र शुरू हुआ।
2. संसद सत्र 2025 में कितने बिल पेश हुए?
करीब 8 प्रमुख बिल इस सत्र में चर्चा में रहे।
3. सबसे विवादित मुद्दा कौन सा रहा?
डेटा संरक्षण संशोधन और बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़ों पर बहस सबसे ज्यादा गर्म रही।
