
पलवल, 1 अगस्त।
उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या से जुड़ी सही जानकारी देने वाले को सरकार एक लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान करेगी। सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।
पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत, यदि कोई पंजीकृत सेंटर संचालक या डॉक्टर पहली बार भ्रूण लिंग निर्धारण के अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे तीन साल की जेल और 10,000 रुपये जुर्माना होगा। दोबारा पकड़े जाने पर सजा बढ़कर पांच साल जेल और 50,000 रुपये जुर्माना हो जाएगा। साथ ही, पति या परिवार के अन्य सदस्य जो लिंग चयन के लिए प्रेरित करते हैं, उनके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान है। दोषी डॉक्टर का मेडिकल पंजीकरण निलंबित या रद्द भी किया जाएगा।
जिला के घटते लिंगानुपात को सुधारने के लिए उपायुक्त ने सभी से एकजुट होकर कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा, “बेटियां अनमोल हैं और उन्हें पूरी दुनिया में आने का अधिकार है। सिर्फ दिवस मनाने से काम नहीं चलेगा, हमें बेटियों को बेटों के बराबर समझना होगा और उनका समान सम्मान करना होगा तभी भ्रूण हत्या रुकेगी।”
अल्ट्रासाउंड सेंटर जो भ्रूण हत्या या लिंग जांच में शामिल पाए जाएंगे, उनका पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन तुरंत रद्द कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा, यदि कोई गर्भवती महिला नकली ग्राहक बनकर इस अपराध को उजागर करती है, तो उसे 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा और उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।
उपायुक्त ने कन्या भ्रूण हत्या को एक बड़ा सामाजिक और कानूनी अपराध बताया और कहा कि यह महापाप है जिसका कोई प्रायश्चित नहीं। उन्होंने सभी से बेटियों को बचाने, उनका सम्मान करने और पढ़ाई में आगे बढ़ाने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बेटियां देश का भविष्य हैं, और हमें ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को मजबूत बनाना होगा ताकि लिंगानुपात में सुधार हो सके।